थारो खूब सज्यो दरबार, म्हारा बालाजी सरकार (Tharo Khub Sajyo Darbar Mhara Balaji Sarkar)

थारो खूब सज्यो दरबार,

म्हारा बालाजी सरकार,

मैं तो आया दर्शन ताइ,

बाला झट आवो दरबार,

बेगा आओ नि बालासा,

थाने अर्ज अपार ॥


बाला तन में सिंदूर धार,

थारे मुख में नागर पान,

थारे हाथ में घोटो धार बाला,

शोभा अपरम्पार,

बेगा आओ नि बालासा,

थाने अर्ज अपार ॥


बाला में हाथां में करताल,

काना में कुण्डल धार,

सदा राम राम गुण गाए बाला,

प्रभु ने रिझाए,

बेगा आओ नि बालासा,

थाने अर्ज अपार ॥


माता अंजनी रा लाल,

बाबा पवनपुत्र हनुमान,

थारी शोभा जग में न्यारी बाला,

जो ध्याए फल पाए,

बेगा आओ नि बालासा,

थाने अर्ज अपार ॥


थारे ‘भगवत’ महिमा गाए,

चरणों में शीश नवाएँ,

म्हारा बालाजी सरकार,

थाने विनती बारम्बार,

बेगा आओ नि बालासा,

थाने अर्ज अपार ॥


थारो खूब सज्यो दरबार,

म्हारा बालाजी सरकार,

मैं तो आया दर्शन ताइ,

बाला झट आवो दरबार,

बेगा आओ नि बालासा,

थाने अर्ज अपार ॥

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सबसे पहला मनावा, थाने देवा रा सरदार (Sabse Pahle Manaba Thane Deva Ra Sardar)

सबसे पहला मनावा,
थाने देवा रा सरदार,

स्कंद षष्ठी व्रत कथा

स्कंद षष्ठी का व्रत हर माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि के दिन रखा जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, साल 2025 की पहली स्कन्द षष्ठी 05 जनवरी को मनाई जाएगी।

16 सोमवार व्रत कथा (16 Somavaar Vrat Katha)

एक समय श्री महादेवजी पार्वती के साथ भ्रमण करते हुए मृत्युलोक में अमरावती नगरी में आए। वहां के राजा ने शिव मंदिर बनवाया था, जो कि अत्यंत भव्य एवं रमणीक तथा मन को शांति पहुंचाने वाला था। भ्रमण करते सम शिव-पार्वती भी वहां ठहर गए।

मन में है विश्वास अगर जो श्याम सहारा मिलता है(Man Mein Hai Vishwas Agar Jo Shyam Sahara Milta Hai)

मन में है विश्वास अगर जो,
श्याम सहारा मिलता है,

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