ठुमक चलत रामचंद्र,
ठुमक चलत रामचंद्र,
बाजत पैंजनियां,
ठुमक चलत रामचंद्र,
बाजत पैंजनियां,
ठुमक चलत रामचंद्र
किलकि-किलकि उठत धाय
किलकि-किलकि उठत धाय,
गिरत भूमि लटपटाय
धाय मात गोद लेत,
दशरथ की रनियां
ठुमक चलत रामचंद्र,
बाजत पैंजनियां
ठुमक चलत रामचंद्र..
अंचल रज अंग झारि
अंचल रज अंग झारि,
विविध भांति सो दुलारि
विविध भांति सो दुलारि
तन मन धन वारि-वारि,
तन मन धन वारि
तन मन धन वारि-वारि,
कहत मृदु बचनियां
ठुमक चलत रामचंद्र,
बाजत पैंजनियां
ठुमक चलत रामचंद्र..
विद्रुम से अरुण अधर
विद्रुम से अरुण अधर,
बोलत मुख मधुर-मधुर
बोलत मुख मधुर-मधुर
सुभग नासिका में चारु,
लटकत लटकनियां
ठुमक चलत रामचंद्र,
बाजत पैंजनियां,
ठुमक चलत रामचंद्र..
तुलसीदास अति आनंद
तुलसीदास अति आनंद,
देख के मुखारविंद
देख के मुखारविंद
रघुवर छबि के समान
रघुवर छबि के समान,
रघुवर छबि बनियां
ठुमक चलत रामचंद्र
ठुमक चलत रामचंद्र,
बाजत पैंजनियां
ठुमक चलत रामचंद्र
सकट चौथ हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण व्रत है। यह व्रत मुख्य रूप से सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए रखती हैं। इस दिन भगवान गणेश के साथ माता पार्वती की पूजा की जाती है।
सकट चौथ व्रत करने से भगवान गणेश जी प्रसन्न होते हैं और सभी प्रकार के दुखों को हर लेते हैं। इस दिन माताएं अपने बच्चों के उज्ज्वल भविष्य और दीर्घायु की कामना के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। पूजा के दौरान व्रत कथा का पाठ करना बेहद आवश्यक माना गया है।
हिन्दू धर्म में सकट चौथ का एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान माना गया है। यह मुख्य रूप से सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि और परिवार की खुशहाली के लिए करती हैं। इस दिन भगवान गणेश और माता पार्वती की पूजा की होती है।
हिंदू धर्म में सकट चौथ का व्रत काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन मुख्य रूप से भगवान गणेश और सकट माता की पूजा-अर्चना की जाती है।