तीनो लोको में भोले के जैसा ॥
दोहा – बात सदियों से,
मशहूर है ज़माने में,
एक पल लगता है,
महादेव को मनाने में।
जिसने भोला कहा,
भर भर के ले गया झोली,
रखा छुपा के ना,
भोले ने कुछ खजाने में ॥
तीनों लोको में भोले के जैसा,
दूसरा कोई दानी नहीं है,
कौन सा भक्त है बात उसकी,
मेरे भोले ने मानी नहीं है,
तीनों लोको में भोले के जैसा,
दूसरा कोई दानी नहीं है ॥
बात सच्ची है करना ना शंका,
दे दी रावण को सोने की लंका,
वेद ग्रंथो में लिखा हुआ है,
कोई झूठी कहानी नहीं है,
तीनों लोको में भोले के जैसा,
दूसरा कोई दानी नहीं है ॥
फेरी देवों ने जब शिव की माला,
देके अमृत पिया विष का प्याला,
किसको भोले ने क्या क्या दिया है,
बात कोई छुपानी नहीं है,
तीनों लोको में भोले के जैसा,
दूसरा कोई दानी नहीं है ॥
पाप धोने थे सारे जहां के,
शिव ने गंगा हमें दे दी लाके,
शिव की करुणा भी इस में मिली है,
गंगा अमृत है पानी नहीं है,
तीनों लोको में भोले के जैसा,
दूसरा कोई दानी नहीं है ॥
तीनो लोको में भोले के जैसा,
दूसरा कोई दानी नहीं है,
कौन सा भक्त है बात उसकी,
मेरे भोले ने मानी नहीं है,
तीनों लोको में भोले के जैसा,
दूसरा कोई दानी नहीं है ॥
वर दे, वीणावादिनि वर दे ।
प्रिय स्वतंत्र रव, अमृत मंत्र नव
सनातन धर्म में विनायक चतुर्थी का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा विधिवत रूप से करने का विधान है।
विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश और शिव परिवार की पूजा-अर्चना करने का विधान है। धार्मिक मान्यता है कि गणपति बप्पा की पूजा करने से सभी तरह के विघ्न दूर होते हैं। इसलिए भगवान गणेश को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है।
इस बार नए साल के पहले हफ्ते में कई व्रत-त्योहार पड़ने वाले हैं। इस बार नए साल की शुरुआत बुधवार के दिन हो रही है। ऐसे में भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करना अधिक शुभ रहेगा।