तोरा मन दर्पण कहलाए,
भले, बुरे, सारे कर्मों को,
देखे और दिखाए ॥
मन ही देवता,
मन ही ईश्वर,
मन से बड़ा ना कोई,
मन उजियारा,
जब जब फैले,
जग उजियारा होए,
इस उजले दर्पन पर प्राणी,
धूल ना ज़मने पाए ॥
तोरा मन दर्पण कहलाये,
भले, बुरे, सारे कर्मों को,
देखे और दिखाए ॥
सुख की कलियाँ,
दुःख के काँटे,
मन सब का आधार,
मन से कोई बात छूपे ना,
मन के नैन हजार,
जग से चाहे भाग ले कोई,
मन से भाग ना पाए ॥
तोरा मन दर्पण कहलाये,
भले, बुरे, सारे कर्मों को,
देखे और दिखाए ॥
तन की दौलत ढ़लती छाया,
मन का धन अनमोल,
तन के कारन मन के,
धन को मत माटी में रोल,
मन की कदर भूलानेवाला,
हीरा जनम गंवाए ॥
तोरा मन दर्पण कहलाये,
भले, बुरे, सारे कर्मों को,
देखे और दिखाए ॥
तोरा मन दर्पण कहलाए,
भले, बुरे, सारे कर्मों को,
देखे और दिखाए ॥
आज 18 मई 2025 को ज्येष्ठ माह का पाचवां दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष तिथि पंचमी है। आज रविवार का दिन है। इस तिथि पर शुभ योग रहेगा। सूर्य देव वृषभ राशि में रहेंगे। वहीं चंद्रमा मकर राशि करेंगे।
आज 19 मई 2025 को ज्येष्ठ माह का छठा दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष तिथि षष्ठी है। आज सोमवार का दिन है। इस तिथि पर शुक्ल योग रहेगा। सूर्य देव वृषभ राशि में रहेंगे। वहीं चंद्रमा मकर राशि करेंगे।
आज 20 मई 2025 को ज्येष्ठ माह का सातवां दिन है। साथ ही आज के पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि है। आज का दिन किसी साधारण तिथि का नाम नहीं, बल्कि यह जीवन के दुखों से मुक्ति और समृद्धि के द्वार खोलने का अवसर है।
आज 21 मई 2025 को ज्येष्ठ माह का आठवां दिन है। साथ ही आज के पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि है। आज का दिन बुध ग्रह से प्रेरित है। जो बुद्धि, वाणी और व्यापार के क्षेत्र में सौभाग्य देने वाला है। आश्लेषा नक्षत्र की उपस्थिति इसे और अधिक रहस्यपूर्ण एवं साधना योग्य बनाती है।