तू साँची है भवानी माँ,
तेरा दरबार साँचा है,
टिका जिसपे जगत सारा,
तेरा माँ प्यार साँचा है ॥
तेरे मंदिर में जो आते,
कभी खाली नही जाते,
मुरादे मन की वो पाते,
तेरा उपकार साँचा है,
तू सांची है भवानी माँ,
तेरा दरबार साँचा है ॥
तेरी मैं राह निहारु माँ,
सभी कुछ तुझपे वारु माँ,
ये जीवन मैं सवारुँ माँ,
तेरा उजियार साँचा है,
तू सांची है भवानी माँ,
तेरा दरबार साँचा है ॥
अटल विश्वास नैनो में,
दरश की प्यास नैनो में,
है यही आस नैनो में,
माँ तेरा आधार साँचा है,
तू सांची है भवानी माँ,
तेरा दरबार साँचा है ॥
भाग्य सोया जगादो माँ,
भजन में भी लगा दो माँ,
कष्ट भूलन भगादो माँ,
तेरा प्रचार साँचा है,
तू सांची है भवानी माँ,
तेरा दरबार साँचा है ॥
तू साँची है भवानी माँ,
तेरा दरबार साँचा है,
टिका जिसपे जगत सारा,
तेरा माँ प्यार साँचा है ॥
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन होने जा रहा है। 48 दिनों तक चलने वाले इस विशाल धार्मिक मेले में लाखों श्रद्धालु और साधु-संत देश-विदेश से आने वाले हैं। इस भीड़ में एक नाम जो खास तौर पर ध्यान खींच रहा है, वह है असम के गंगापुरी महाराज, जिन्हें छोटू बाबा के नाम से भी जाना जाता है।
महाकुंभ के विशाल मेले में, जहां लाखों लोग धर्म और आध्यात्म की तलाश में जुटते हैं, वहां एक अनोखा दृश्य देखने को मिल रहा है। एक पायाहारी मौनी बाबा, जो पिछले 41 साल से मौन धारण किए हुए हैं, छात्रों को सिविल सेवा की मुफ्त कोचिंग दे रहे हैं।
प्रयागराज में महाकुंभ की शुरुआत हो चुकी है। करोड़ों श्रद्धालु और लाखों साधु संत त्रिवेणी संगम पर स्नान करने के लिए पहुंचने वाले हैं। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है। इसका सीधा संबंध देवताओं से जुड़ा हुआ है।
महाकुंभ 2025 की शुरुआत 13 जनवरी से हो रही है। इस पवित्र अवसर पर लाखों श्रद्धालु संगम तट पर एकत्र होने के लिए तैयार हैं। यदि आप भी इस आध्यात्मिक महासमागम का हिस्सा बनने जा रहे हैं, तो प्रयागराज के इन 5 प्रसिद्ध मंदिरों के दर्शन करना न भूलें।