नाम ना जाने, धाम ना जाने
जाने ना सेवा पूजा
जाने बस इतना अजान हम
एक बिना नहीं दूजा
तुम आशा विश्वास हमारे
तुम धरती आकाश हमारे,
तुम धरती आकाश हमारे, रामा
तात मात तुम, बंधू भ्रात हो
दिवस रात्रि, संध्या प्रभात हो
दीपक सूर्य चन्द्र तारक में, रामा
तुम ही ज्योति प्रकाश हमारे, रामा
॥ तुम आशा विश्वास हमारे...॥
साँसों में तुम आते जाते
एक तुम ही से हैं सब नाते
जीवनवन के हर पतझर में, रामा
एक तुम ही मधुमास हमारे, रामा
॥ तुम आशा विश्वास हमारे...॥
तुम ही सब में हैं तुम में सब
तुम ही भव हो, हो तुम ही रब
अश्रु हमारी आँखों में तुम, रामा
तुम होठों पर हास हमारे, रामा
॥ तुम आशा विश्वास हमारे...॥
तुम आशा विश्वास हमारे
तुम धरती आकाश हमारे,
तुम धरती आकाश हमारे, रामा
कार्तिक माह सनातन धर्म में अत्यंत शुभ है। इस महीने में श्रद्धालु पवित्र नदियों के किनारे पर समय बिताते हैं या फिर घरों में तुलसी और केले के पौधों की पूजा करते हैं और प्रतिदिन दीप जलाते हैं।
भारत में कार्तिक पूर्णिमा एक प्रमुख पर्व के रूप में मनाई जाती है। इस दिन लोग बड़ी संख्या में गंगा तट पर पहुंचकर स्नान करते हैं और विशेष पूजा-अर्चना करते हैं।
भोले शिव मंगलकारी,
भोले की महिमा न्यारी,
भोले तेरे चरणों की,
गर धूल जो मिल जाए,