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तुम राम के पुजारी, हो बाल ब्रम्हचारी(Tum Ram Ke Pujari Ho Bal Brahmachari)

तुम राम के पुजारी, हो बाल ब्रम्हचारी(Tum Ram Ke Pujari Ho Bal Brahmachari)

तुम राम के पुजारी,

हो बाल ब्रम्हचारी,

विनती सुनो हमारी,

बजरंग गदाधारी,

विनती सुनो हमारी,

बजरंग गदाधारी ॥


बाल समय रवि को मुख रखा,

जग में हुआ अँधियारा,

राम दास को ग्रसित किया है,

इंद्र ने वज्र से मारा,

हो गए पवन दुखारी,

हो बाल ब्रम्हचारी,

विनती सुनो हमारी,

बजरंग गदाधारी,

विनती सुनो हमारी,

बजरंग गदाधारी ॥


आप अगर ना होते सहायक,

राम ना नायक होते,

आप कृपा ना करते हे स्वामी,

हम भी ना गायक होते,

पूजे ये दुनिया सारी,

हो बाल ब्रम्हचारी,

विनती सुनो हमारी,

बजरंग गदाधारी,

विनती सुनो हमारी,

बजरंग गदाधारी ॥


तुम राम के पुजारी,

हो बाल ब्रम्हचारी,

विनती सुनो हमारी,

बजरंग गदाधारी,

विनती सुनो हमारी,

बजरंग गदाधारी ॥


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बर्फानी नागा कौन होते हैं

भारत की आध्यात्मिक संस्कृति में नागा साधु एक विशेष स्थान रखते हैं। आपने कुंभ मेले में इन्हें शाही स्नान करते, युद्ध कला का प्रदर्शन करते और परंपरागत तरीके से जीवन जीते हुए जरूर देखा होगा। इनकी जड़ें भारतीय सनातन धर्म में गहराई तक फैली हुई हैं। ये अनुशासन, संयम और साधना के लिए विख्यात हैं।

चंद्रमा गोचर 2025 का इन राशियों पर होगा प्रभाव

भारतीय ज्योतिष में भविष्यफल जातक की चंद्र राशि के आधार पर ही निर्धारित की जाती है। मन के साथ-साथ चंद्रमा को माता का कारक ग्रह भी माना जाता है। चंद्रमा राशि चक्र की चतुर्थ राशि यानि कर्क राशि के स्वामी माने जाते हैं।

कब बना किन्नर अखाड़ा?

अखाड़े महाकुंभ की शान होते हैं। इन्हें देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु कुंभ मेले में पहुंचते हैं। अखाड़ा परिषद ने कुल 13 अखाड़ों को मान्यता दे रखी है। यह अखाड़े बड़े लोकप्रिय और प्रसिद्ध है। इनमें आम तौर पर महिला संत और पुरुष संत होते हैं।

परी अखाड़े का इतिहास क्या है

प्रयागराज में महाकुंभ 13 जनवरी से शुरू हो रहा है। सभी 13 अखाड़े शाही स्नान के लिए पहुंच गए हैं।लेकिन महिलाओं का एक अखाड़ा बेहद चर्चा में बना हुआ है। बता दें कि महिलाओं के परी अखाड़े को प्रयाग महाकुंभ की व्यवस्थाओं से खुश नहीं है।

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