तुम राम के पुजारी,
हो बाल ब्रम्हचारी,
विनती सुनो हमारी,
बजरंग गदाधारी,
विनती सुनो हमारी,
बजरंग गदाधारी ॥
बाल समय रवि को मुख रखा,
जग में हुआ अँधियारा,
राम दास को ग्रसित किया है,
इंद्र ने वज्र से मारा,
हो गए पवन दुखारी,
हो बाल ब्रम्हचारी,
विनती सुनो हमारी,
बजरंग गदाधारी,
विनती सुनो हमारी,
बजरंग गदाधारी ॥
आप अगर ना होते सहायक,
राम ना नायक होते,
आप कृपा ना करते हे स्वामी,
हम भी ना गायक होते,
पूजे ये दुनिया सारी,
हो बाल ब्रम्हचारी,
विनती सुनो हमारी,
बजरंग गदाधारी,
विनती सुनो हमारी,
बजरंग गदाधारी ॥
तुम राम के पुजारी,
हो बाल ब्रम्हचारी,
विनती सुनो हमारी,
बजरंग गदाधारी,
विनती सुनो हमारी,
बजरंग गदाधारी ॥
भारत की आध्यात्मिक संस्कृति में नागा साधु एक विशेष स्थान रखते हैं। आपने कुंभ मेले में इन्हें शाही स्नान करते, युद्ध कला का प्रदर्शन करते और परंपरागत तरीके से जीवन जीते हुए जरूर देखा होगा। इनकी जड़ें भारतीय सनातन धर्म में गहराई तक फैली हुई हैं। ये अनुशासन, संयम और साधना के लिए विख्यात हैं।
भारतीय ज्योतिष में भविष्यफल जातक की चंद्र राशि के आधार पर ही निर्धारित की जाती है। मन के साथ-साथ चंद्रमा को माता का कारक ग्रह भी माना जाता है। चंद्रमा राशि चक्र की चतुर्थ राशि यानि कर्क राशि के स्वामी माने जाते हैं।
अखाड़े महाकुंभ की शान होते हैं। इन्हें देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु कुंभ मेले में पहुंचते हैं। अखाड़ा परिषद ने कुल 13 अखाड़ों को मान्यता दे रखी है। यह अखाड़े बड़े लोकप्रिय और प्रसिद्ध है। इनमें आम तौर पर महिला संत और पुरुष संत होते हैं।
प्रयागराज में महाकुंभ 13 जनवरी से शुरू हो रहा है। सभी 13 अखाड़े शाही स्नान के लिए पहुंच गए हैं।लेकिन महिलाओं का एक अखाड़ा बेहद चर्चा में बना हुआ है। बता दें कि महिलाओं के परी अखाड़े को प्रयाग महाकुंभ की व्यवस्थाओं से खुश नहीं है।