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तुम्हे वंदना तुम्हें वंदना (Tumhe Vandana Tumhe Vandana)

तुम्हे वंदना तुम्हें वंदना (Tumhe Vandana Tumhe Vandana)

तुम्हे वंदना तुम्हें वंदना,

हे बुद्धि के दाता,

सब वेदों के ज्ञाता,

तुम्हें वंदना तुम्हें वंदना ॥


एक दंत दयावंत,

चार भुजा धारी,

माथे पे सिंदूर सोहे,

मूसे की सवारी,

मैया तुम्हे बुलाए,

गोरा तुम्हे बुलाए,

कह कह के ललना,

तुम्हें वंदना तुम्हें वंदना ॥


पान चढ़े फूल चढ़े,

और चढ़े मेवा,

लड्डअन का भोग लगे,

संत करें सेवा,

भोले बाबा तुम्हें झुलावे,

शंकर बाबा तुम्हें झुलावे,

रेशम के पलना,

तुम्हें वंदना तुम्हें वंदना ॥


अंधन को आंख देत,

कोडिन को काया,

बांझन को पुत्र देत,

निर्धन को माया,

भक्तों की विनती को,

दीनों की विनती को,

अब गणपति जी सुनना,

तुम्हें वंदना है तुम्हें वंदना ॥


तुम्हे वंदना तुम्हें वंदना,

हे बुद्धि के दाता,

सब वेदों के ज्ञाता,

तुम्हें वंदना तुम्हें वंदना ॥

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विजया एकादशी का व्रत फरवरी 2025

विजया एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है और फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को विजया एकादशी कहा जाता है। हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का बहुत महत्व है।

विजया एकादशी व्रत कथा 2025

हर महीने के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु के निमित्त व्रत किया जाता है। फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को विजया एकादशी कहते हैं, जिसका हिंदू धर्म में विशेष महत्व है।

विजया एकादशी व्रत नियम

विजया एकादशी के दिन व्रती जातकों को कुछ नियमों का पालन करना बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। साथ ही इस दिन क्या करें और क्या करने से बचना चाहिए। इसके बारे में भक्त वत्सल के इस लेख में जानते हैं।

महाशिवरात्रि पर चंद्र देव बदलेंगे चाल

सनातन धर्म में महाशिवरात्रि बेहद खास मानी गई है। यह दिन देवो के देव महादेव और माता पार्वती को समर्पित है। पौराणिक मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव का माता पार्वती के साथ विवाह हुआ था।

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