तुम्हे हर घडी माँ प्यार करेगी,
जरा माँ के दर पे तुम आकर के देखो,
झुलाएगी पलकों के झूले में तुझको,
बस एक बार माँ तुम बुला करके देखो,
तुम्हे हर घडी माँ प्यार करेगी,
जरा माँ के दर पे तुम आकर के देखो ॥
ज़माने से तुमको जो नही मिला है,
मिलेगा यही माँ को बतला के देखो,
नही बात कोई भी टलेगी तुम्हारी,
ये दावा है विनती सूना करके देखो,
तुम्हे हर घड़ी माँ प्यार करेगी,
जरा माँ के दर पे तुम आकर के देखो ॥
जिधर देखता हूँ चर्चा यही है,
कोई माँ के जैसा दूजा नही है,
कहोगे वो तुम भी जो मैं कह रहा हूँ,
भवन माँ भवानी के जाकर तो देखो,
तुम्हे हर घड़ी माँ प्यार करेगी,
जरा माँ के दर पे तुम आकर के देखो ॥
भुला करके बैठे थे हँसना सदा जो,
वो फूलो के जैसे मुस्का रहे है,
महकने लगेगा तुम्हारा भी जीवन,
ऐ “लख्खा” तू सर को झुका करके देखो,
तुम्हे हर घड़ी माँ प्यार करेगी,
जरा माँ के दर पे तुम आकर के देखो ॥
तुम्हे हर घडी माँ प्यार करेगी,
जरा माँ के दर पे तुम आकर के देखो,
झुलाएगी पलकों के झूले में तुझको,
बस एक बार माँ तुम बुला करके देखो,
तुम्हे हर घडी माँ प्यार करेगी,
जरा माँ के दर पे तुम आकर के देखो ॥
मोको कहां ढूंढे रे बंदे,
मैं तो तेरे पास में ।
अनंग त्रयोदशी व्रत में भगवान शिव-पार्वती तथा कामदेव और रति का पूजन किया जाता है। यह दिन प्रेमी जोड़ों के लिए बहुत खास माना गया है। क्योंकि, इस दिन व्रत रखने से जीवन में प्रेम की प्रगाढ़ता बढ़ती है।
जो कुछ है सब तोय,
तेरा तुझको सौंप दूँ,
महाकाल सो नाम नहीं,
और उज्जैन सो कोई धाम,