उंचिया पहाड़ा वाली माँ,
हो अम्बे रानी,
थोड़ी सी मैहर कर दे,
कितनी उम्मीदे लाया,
कितने ही सपने,
थोड़ी सी मैहर कर दे ॥
उंचिया पहाड़ा वाली है मैया,
गूंजते जयकारे तेरे है मैया।
उंचिया पहाड़ा वाली है मैया,
गूंजते जयकारे तेरे है मैया ॥
यूँही नहीं आए हम,
मैया तेरे दर पे,
बनके के पुजारी,
तेरे नाम के,
हमको बनाना है,
अपना नसीबा,
मेहरवाली पल्ला,
तेरा थाम के,
लगे है कतार में,
खड़े है इंतजार में,
थोड़ी सी मैहर कर दे ॥
उंचिया पहाड़ा वाली है मैया,
गूंजते जयकारे तेरे है मैया।
उंचिया पहाड़ा वाली है मैया,
गूंजते जयकारे तेरे है मैया ॥
ममता महान तेरी,
ऊँची ऊँची शान माँ,
दया का खजाना,
जरा खोल दे,
चरणों में तेरे मैने,
शीश झुकाया,
कर दे इशारा,
कुछ बोल दे,
पतझड़ जाए,
दुःख झड़ जाए,
थोड़ी सी मैहर कर दे ॥
उंचिया पहाड़ा वाली है मैया,
गूंजते जयकारे तेरे है मैया।
उंचिया पहाड़ा वाली है मैया,
गूंजते जयकारे तेरे है मैया ॥
जाने जग सारा,
तुझे जग जननी,
भगतो का करे,
बेड़ा पार तू,
भूल मेरी माफ़ कर,
जोतावाली माता,
मुझपे भी कर,
उपकार तू,
भटकु जो राह से,
तो बाह मेरी थाम लेना,
थोड़ी सी मैहर कर दे ॥
उंचिया पहाड़ा वाली है मैया,
गूंजते जयकारे तेरे है मैया।
उंचिया पहाड़ा वाली है मैया,
गूंजते जयकारे तेरे है मैया ॥
मन से पुकार के,
मैया को मना ले,
मैया है सरल,
बड़ी भाव से,
तेरी तक़दीर के,
खोल देगी ताले,
मैया का नाम ले,
बड़े चाव से,
इतना ही कहना,
पड़ेगा बड़े प्यार से,
थोड़ी सी मैहर कर दे ॥
उंचिया पहाड़ा वाली है मैया,
गूंजते जयकारे तेरे है मैया।
उंचिया पहाड़ा वाली है मैया,
गूंजते जयकारे तेरे है मैया ॥
उंचिया पहाड़ा वाली माँ,
हो अम्बे रानी,
थोड़ी सी मैहर कर दे,
कितनी उम्मीदे लाया,
कितने ही सपने,
थोड़ी सी मैहर कर दे ॥
सीता के राम थे रखवाले,
जब हरण हुआ तब कोई नहीं ॥
हिंदू धर्म में त्योहारों का विशेष महत्व है। हर त्योहार अपनी पौराणिक कथाओं और परंपराओं के कारण अद्वितीय स्थान रखता है। ऐसा ही एक महत्वपूर्ण धार्मिक पर्व है 'अन्वाधान’, जिसे वैष्णव सम्प्रदाय विशेष रूप से मनाता है।
सीताराम सीताराम जपाकर
राम राम राम राम रटा कर
सीता राम जी के आरती उतारूँ ए सखी
केकरा के राम बबुआ केकरा के लछुमन