उड़ उड़ जा रे पंछी,
मैया से कहियो रे,
कहियो तेरा लाल,
कहियो तेरा लाल,
कहियो तेरा लाल,
तेरी याद करे,
उड़ उड़ जा रे पँछी,
मैया से कहियो रे,
उड़ उड़ जा रे पँछी ॥
ऊँचे पर्वतो पे देखो,
मैया जी विराजी है,
वैष्णो देवी कहके,
दुनिया बुलाती है,
शेरावाली कह के सारी,
दुनिया बुलाती है,
मेरे मन की बातें सारी,
मेरे मन की बातें,
मेरे मन की बातें सारी,
मैया से कहियो रे,
उड़ उड़ जा रे पँछी,
मैया से कहियो रे,
उड़ उड़ जा रे पँछी ॥
माँ का भवन जब तेरे,
नज़दीक आएगा,
माँ से मिलन का आनंद,
बढ़ता ही जायेगा,
मैया जी के पास मेरी,
मैया जी के पास,
मैया जी के पास मेरी,
अर्ज़ी लगइयो रे,
उड़ उड़ जा रे पँछी,
मैया से कहियो रे,
उड़ उड़ जा रे पँछी ॥
दर्शन माँ का जब,
नैन तेरे पाएंगे,
एक साथ कई जन्मों के,
पाप धूल जायेंगे,
मैया के चरण में ‘गोपी’,
मैया के चरण में,
मैया के चरण में ‘गोपी’,
लोट लोट जइयो रे,
उड़ उड़ जा रे पँछी,
मैया से कहियो रे,
उड़ उड़ जा रे पँछी ॥
उड़ उड़ जा रे पंछी,
मैया से कहियो रे,
कहियो तेरा लाल,
कहियो तेरा लाल,
कहियो तेरा लाल,
तेरी याद करे,
उड़ उड़ जा रे पँछी,
मैया से कहियो रे,
उड़ उड़ जा रे पँछी ॥
गणगौर व्रत हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। इस दिन महिलाएं भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं और अखंड सौभाग्य की कामना करती हैं।
गणगौर व्रत हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है, यह व्रत चैत्र शुक्ल तृतीया को भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के लिए रखा जाता है।
गणगौर व्रत चैत्र शुक्ल तृतीया को मनाया जाता है, जिसे गौरी तृतीया के नाम से भी जाना जाता है। इस व्रत का विशेष महत्व विवाहित और अविवाहित महिलाओं के लिए होता है।
अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से अप्रैल साल का चौथा महीना होता है। अप्रैल का पहला हफ्ता विभिन्न त्योहारों और उत्सवों से भरा हुआ है। इस हफ्ते में कई महत्वपूर्ण त्योहार पड़ेंगे।