उलझ मत दिल बहारो में,
बहारो का भरोसा क्या,
उलझ मत दिल बहारो में,
बहारो का भरोसा क्या,
सहारे छूट जाते हैं,
सहरों का बरोसा क्या
तू संबल नाम का लेकर,
किनारों से किनारा कर
किनारे टूट जाते हैं,
किनारो का भरोसा क्या
उलझ मत दिल बहारो में,
बहारो का भरोसा क्या,
सहारे छूट जाते हैं,
सहरों का बरोसा क्या
पथिक तू अक्लमंदी पर,
बिचारो पर ना इतराना
कहाँ कब मन बिगड़ जाये,
बिचारो का भरोसा क्या
उलझ मत दिल बहारो में,
बहारो का भरोसा क्या,
सहारे छूट जाते हैं,
सहरों का बरोसा क्या
उलझ मत दिल बहारो में,
बहारो का भरोसा क्या,
सहारे छूट जाते हैं,
सहरों का बरोसा क्या
शिव की जटा से बरसे,
गंगा की धार है,
शिव मात पिता,
शिव बंधू सखा,
श्रीमन्नारायण नारायण नारायण नारायण ।टेक।
लक्ष्मीनारायण नारायण नारायण नारायण
सुबह सवेरे लेकर तेरा नाम प्रभु,
करते हैं हम शुरु आज का काम प्रभु ।