उलझ मत दिल बहारो में (Ulajh Mat Dil Baharo Men)

उलझ मत दिल बहारो में,

बहारो का भरोसा क्या,

उलझ मत दिल बहारो में,

बहारो का भरोसा क्या,

सहारे छूट जाते हैं,

सहरों का बरोसा क्या

तू संबल नाम का लेकर,

किनारों से किनारा कर

किनारे टूट जाते हैं,

किनारो का भरोसा क्या


उलझ मत दिल बहारो में,

बहारो का भरोसा क्या,

सहारे छूट जाते हैं,

सहरों का बरोसा क्या


पथिक तू अक्लमंदी पर,

बिचारो पर ना इतराना

कहाँ कब मन बिगड़ जाये,

बिचारो का भरोसा क्या


उलझ मत दिल बहारो में,

बहारो का भरोसा क्या,

सहारे छूट जाते हैं,

सहरों का बरोसा क्या


उलझ मत दिल बहारो में,

बहारो का भरोसा क्या,

सहारे छूट जाते हैं,

सहरों का बरोसा क्या

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यशोदा जयंती क्यों मनाते हैं?

यशोदा जयंती भगवान कृष्ण के मंदिरों के साथ ही दुनियाभर में फैले इस्कॉन में भी काफी उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस पर्व को गोकुल में भी धूमधाम से मनाया जाता है।

बाँधु जिसपे राखी, वो कलाई चाहिए (Bandhu jispe Rakhi wo Kalai chahiye)

बाँधु जिसपे राखी,
वो कलाई चाहिए,

हे बांके बिहारी गिरधारी हो प्यार तुम्हारे चरणों में (Hey Banke Bihari Girdhari Ho Pyar Tumhare Charno Mein)

हे बांके बिहारी गिरधारी,
हो प्यार तुम्हारे चरणों में,

वैशाख 2025 में चंद्र दर्शन कब है

हिंदू धर्म में चंद्र दर्शन का विशेष महत्व है। अमावस्या के बाद जब पहली बार आकाश में चंद्रमा दिखाई देता है, उसी दिन को चंद्र दर्शन कहा जाता है।

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