ऊँचे ऊँचे पहाड़ो पे,
मैया जी का बसेरा है,
निचे हम रहते,
ऊपर मैया जी का डेरा है,
ऊंचे ऊंचे पहाड़ो पे,
मैया जी का बसेरा है ॥
मैया जी के द्वारे पे,
अँधा पुकार रहा,
अंधे को आँखे दो,
उसे तेरा ही सहारा है,
ऊंचे ऊंचे पहाड़ो पे,
मैया जी का बसेरा है ॥
मैया जी के द्वारे पे,
कोढ़ी पुकार रहा,
कोढ़ी को काया दो,
उसे तेरा ही सहारा है,
ऊंचे ऊंचे पहाड़ो पे,
मैया जी का बसेरा है ॥
मैया जी के द्वारे पे,
निर्धन पुकार रहा,
निर्धन को माया दो,
उसे तेरा ही सहारा है,
ऊंचे ऊंचे पहाड़ो पे,
मैया जी का बसेरा है ॥
मैया जी के द्वारे पे,
बांझन पुकार रही,
बांझन को संतान दो,
उसे तेरा ही सहारा है,
ऊंचे ऊंचे पहाड़ो पे,
मैया जी का बसेरा है ॥
मैया जी के द्वारे पे,
कन्या पुकार रही,
कन्या को वर घर दो,
उसे तेरा ही सहारा है,
ऊंचे ऊंचे पहाड़ो पे,
मैया जी का बसेरा है ॥
मैया जी के द्वारे पे,
भगत पुकार रहे,
भक्तो को दर्शन दो,
उन्हें तेरा ही सहारा है,
ऊंचे ऊंचे पहाड़ो पे,
मैया जी का बसेरा है ॥
ऊँचे ऊँचे पहाड़ो पे,
मैया जी का बसेरा है,
निचे हम रहते,
ऊपर मैया जी का डेरा है,
ऊंचे ऊंचे पहाड़ो पे,
मैया जी का बसेरा है ॥
सनातन धर्म में सप्ताह के हर दिन को किसी न किसी देवता को समर्पित माना गया है। गुरुवार भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का दिन है।
शास्त्रकार कहते हैं “मननात् त्रायते इति मंत्रः” अर्थात मनन करने पर जो त्राण दे या रक्षा करे वही मंत्र होता है। धर्म, कर्म और मोक्ष की प्राप्ति हेतु प्रेरणा देने वाली शक्ति को मंत्र कहते हैं।
मंत्रों के कई प्रकार होते हैं, जरूरत के हिसाब से इन मंत्रों का उपयोग किया जाता है। मंत्रों के प्रकार और उनके उपयोग से होने लाभों पर नज़र डालें तो आप पाएंगे ये विभिन्न रूपों में हैं।
माता लक्ष्मी, धन, समृद्धि और सौभाग्य की देवी, भक्तों के जीवन में सुख-शांति और वैभव लाने वाली हैं। उनकी पूजा-वंदना से सभी तरह की आर्थिक समस्याओं का समाधान होता है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी होता है।