ऊँचे ऊँचे पहाड़ो पे, मैया जी का बसेरा है (Unche Unche Pahado Pe Maiya Ji Ka Basera Hai)

ऊँचे ऊँचे पहाड़ो पे,

मैया जी का बसेरा है,

निचे हम रहते,

ऊपर मैया जी का डेरा है,

ऊंचे ऊंचे पहाड़ो पे,

मैया जी का बसेरा है ॥


मैया जी के द्वारे पे,

अँधा पुकार रहा,

अंधे को आँखे दो,

उसे तेरा ही सहारा है,

ऊंचे ऊंचे पहाड़ो पे,

मैया जी का बसेरा है ॥


मैया जी के द्वारे पे,

कोढ़ी पुकार रहा,

कोढ़ी को काया दो,

उसे तेरा ही सहारा है,

ऊंचे ऊंचे पहाड़ो पे,

मैया जी का बसेरा है ॥


मैया जी के द्वारे पे,

निर्धन पुकार रहा,

निर्धन को माया दो,

उसे तेरा ही सहारा है,

ऊंचे ऊंचे पहाड़ो पे,

मैया जी का बसेरा है ॥


मैया जी के द्वारे पे,

बांझन पुकार रही,

बांझन को संतान दो,

उसे तेरा ही सहारा है,

ऊंचे ऊंचे पहाड़ो पे,

मैया जी का बसेरा है ॥


मैया जी के द्वारे पे,

कन्या पुकार रही,

कन्या को वर घर दो,

उसे तेरा ही सहारा है,

ऊंचे ऊंचे पहाड़ो पे,

मैया जी का बसेरा है ॥


मैया जी के द्वारे पे,

भगत पुकार रहे,

भक्तो को दर्शन दो,

उन्हें तेरा ही सहारा है,

ऊंचे ऊंचे पहाड़ो पे,

मैया जी का बसेरा है ॥


ऊँचे ऊँचे पहाड़ो पे,

मैया जी का बसेरा है,

निचे हम रहते,

ऊपर मैया जी का डेरा है,

ऊंचे ऊंचे पहाड़ो पे,

मैया जी का बसेरा है ॥

........................................................................................................
पौष माह के व्रत त्योहार

पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष के बाद पौष का महीना आता है। ये हिंदू कैलेंडर का 10वां महीना होता है। पौष के महीने में सूर्य देव की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है।

भोले बाबा से जिनका सम्बन्ध है (Bhole Baba Se Jinka Samband Hai)

भोले बाबा से जिनका सम्बन्ध है,
उनके घर में आनंद ही आनंद है ॥

माघ गुप्त नवरात्रि की पूजन विधि

माघ और आषाढ़ नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहा जाता है। 2025 की पहली गुप्त नवरात्रि माघ महीने में 30 जनवरी से श्रवण नक्षत्र और जयद योग में प्रारंभ होगी।

तुम जो कृपा करो तो, मिट जाये विपदा सारी(Tum Jo Kripa Karo To Mit Jaye Vipda Sari)

तुम जो कृपा करो तो,
मिट जाये विपदा सारी,

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने