उनकी रेहमत का झूमर सजा है ।
मुरलीवाले की महफिल सजी है ॥
मेरी झोली भी सरकार भर दो,
अपने सब की झोली भरी है,
अपनी महफिल से भेजो न खाली,
अपने सबकी झोली भरी है ॥
उनकी रेहमत का झूमर सजा है ।
मुरलीवाले की महफिल सजी है ॥
मुझको महसूस यह हो रहा है,
तेरी महफिल में करुणा भरी है,
अपनी महफिल में करुना भरसा दो,
कमलीवाले की महफिल सजी है ॥
उनकी रेहमत का झूमर सजा है ।
मुरलीवाले की महफिल सजी है ॥
तुमे अपना समजने मैं आया,
मांगने को तो दुनिया पड़ी है,
मुझे अपना समज के दया कर,
तेरी महफिल में करुना भरी है ॥
उनकी रेहमत का झूमर सजा है ।
मुरलीवाले की महफिल सजी है ॥
तेरे दर से ना कोई खाली,
अपने सब की झोली भरी है,
मेरी झोली भी सरकार भर दो
अपने सब की झोली भरी है ॥
उनकी रेहमत का झूमर सजा है ।
मुरलीवाले की महफिल सजी है ॥
श्याम राधे राधे, घनश्याम राधे राधे ।
श्याम राधे राधे, घनश्याम राधे राधे ।
श्याम राधे राधे, घनश्याम राधे राधे ।
कुंज मे विराजे, घनश्याम राधे राधे ।
कुंज मे विराजे, घनश्याम राधे राधे ।
कुंज मे विराजे, घनश्याम राधे राधे ।
श्री वृंदावन, राधे राधे ।
श्री वृंदावन, राधे राधे ।
श्री वृंदावन, राधे राधे ।
भारतीय सनातन संस्कृति में आरंभ से ही स्त्री को पूज्य व जननी माना गया है। स्त्री धन-धान्य, समृद्धि, विद्या, बुद्धि और शक्ति के स्वरूप में हमारे शास्त्रों में भी विद्यमान हैं।
विश्व के प्राचीन हिंदू मंदिरों में से एक मंदिर कंबोडिया में भी स्थित है। इसका नाम अंकोरवाट मंदिर है। इस मंदिर का पुराना नाम यशोदापुर था।
अशोक वाटिका लंका में स्थित एक उपवन है, जो राक्षस राजा रावण के राज्य में स्थित है। इसका उल्लेख पुराण और वाल्मीकि के हिंदू महाकाव्य रामायण और उसके बाद के सभी संस्करणों में मिलता है।
दिवाली या दीपावली हिंदू धर्म में सबसे बड़े त्योहारों में से एक है। पांच दिवसीय इस त्योहार को अंधकार पर प्रकाश, बुराई पर अच्छाई और अज्ञानता पर ज्ञान की जीत के प्रतीक के रूप में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।