वो कौन है जिसने,
हम को दी पहचान है,
कोई और नहीं वो,
खाटू वाला श्याम है,
जिसकी रहमत से होता,
हर एक काम है,
जिसकी रहमत से होता,
हर एक काम है,
मेरा श्याम है,
मेरा श्याम है ।
वो कौन है जिसने,
हम को दी पहचान है,
कोई और नहीं वो,
खाटू वाला श्याम है ॥
हर चाहत पूरी कर दी,
दिल की आवाज को सुनकर,
फूलों की सेज सजा दी,
राहों से कांटे चुनकर,
ये किसकी कृपा से,
हर सुख हर आराम है,
मेरा श्याम है, मेरा श्याम है ।
वो कौन है जिसने,
हम को दी पहचान है,
कोई और नहीं वो,
खाटू वाला श्याम है ॥
मुझे याद है बीते दिन वो,
जब खुशियां थी ओझल सी,
हर दिन था दुःख से मिलना,
हर घड़ियाँ थी मुश्किल सी,
फिर किसने आकर,
उनको दिया विराम है,
मेरा श्याम है, मेरा श्याम है ।
वो कौन है जिसने,
हम को दी पहचान है,
कोई और नहीं वो,
खाटू वाला श्याम है ॥
कंकर को मोती कर दे,
पत्थर में फूल खिलाए,
इस जग में एक ही है जो,
मिटटी में नाव चलाए,
वो कौन है जो गिरते को,
लेता थाम है,
मेरा श्याम है, मेरा श्याम है ।
वो कौन है जिसने,
हम को दी पहचान है,
कोई और नहीं वो,
खाटू वाला श्याम है ॥
हमने तो वो भी पाया,
जो ना था हमारे हक़ में,
‘सोनू’ का नाम लिखा है,
तुमने ही आज फलक में,
ये किसकी बदौलत,
चेहरे पर मुस्कान है,
मेरा श्याम है, मेरा श्याम है ।
वो कौन है जिसने,
हम को दी पहचान है,
कोई और नहीं वो,
खाटू वाला श्याम है ॥
वो कौन है जिसने,
हम को दी पहचान है,
कोई और नहीं वो,
खाटू वाला श्याम है,
जिसकी रहमत से होता,
हर एक काम है,
जिसकी रहमत से होता,
हर एक काम है,
मेरा श्याम है,
मेरा श्याम है ।
वो कौन है जिसने,
हम को दी पहचान है,
कोई और नहीं वो,
खाटू वाला श्याम है ॥
सर्वप्रथम पहले की तरह आचमन कर पवित्री धारण करे। अपने ऊपर और पूजा-सामग्री पर जल का प्रोक्षण करे।
पहले बतलाये नियमके अनुसार आसनपर प्राङ्घख बैठ जाय। जलसे प्रोक्षणकर शिखा बाँधे ।
एकादशी पूजन में विशेष तौर से भगवान विष्णु का पूजन किया जाता है इस दिन पवित्र नदी या तालाब या कुआं में स्नान करके व्रत को धारण करना चाहिए
यह व्रत अति प्राचीन है। इसका प्रचलन महाभारत से भी पूर्व का है। यह व्रत सौभाग्यवती महिलाओं के लिए उत्तम माना गया है।