वो राम धुन में मगन है रहते,
लगन प्रभु की लगा रहे है,
वो राम जी के चरण में रहते,
प्रभु के कारज बना रहे है,
वो राम धुन में मगन हैं रहते,
लगन प्रभु की लगा रहे है ॥
वो राम लक्ष्मण काँधे बिठाए,
सुग्रीव के संग मैत्री कराए,
प्रभु मुद्रिका थी मुख में डाली,
वो लंका धाए सुधि सिया लाए,
निशानी माँ की दीजो प्रभु को,
प्रभु हदय से लगा रहे है,
वो राम धुन में मगन हैं रहते,
लगन प्रभु की लगा रहे है ॥
लखन है मूर्छित है राम रोते,
बूटी सजीवन अब कौन लाए,
प्रभु लगन थी ह्रदय में धारी,
वो बूटी वाला पर्वत ले आए,
वो प्राण रक्षक बने लखन के,
हाथों से बूटी खिला रहे है,
वो राम धुन में मगन हैं रहते,
लगन प्रभु की लगा रहे है ॥
नागों की पाश में प्रभुजी आए,
गरुड़ को लाए प्राण बचाए,
अहिरावण प्रभु को लेके भागा,
संघारा पापी पाताल धाए,
रंगा सिंदूरी तन अपना सारा,
प्रभु का चंदन लगा रहे है,
वो राम धुन में मगन हैं रहते,
लगन प्रभु की लगा रहे है ॥
वो राम धुन में मगन है रहते,
लगन प्रभु की लगा रहे है,
वो राम जी के चरण में रहते,
प्रभु के कारज बना रहे है,
वो राम धुन में मगन हैं रहते,
लगन प्रभु की लगा रहे है ॥
रोशनी और उमंग के त्योहार के रूप में देशभर में दीपावली धूमधाम से मनाया जाता है। इस पर्व का मुख्य उद्देश्य अंधकार पर प्रकाश की विजय और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
दीपावली का पर्व हिंदू धर्म में सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है। दीपावली धन और खुशहाली का प्रतीक भी है।
दीपावली का पर्व हिंदू धर्म में सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है। दीपावली धन और खुशहाली का प्रतीक भी है।
हिंदू धर्म में दिवाली का त्योहार पूरे उत्साह के साथ मनाया जाता है। दीपावली के पांच दिन घर में उत्सव जैसा माहौल रहता है। इस दिन जहां बच्चों को पटाखे छोड़ने का मौका मिलता है।