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कोई कमी नहीं है, दर मइया के जाके देख
देगी तुझे दर्शन मइया, तू सर को झुका के देख
अगर आजमाना है, तो आजमा के देख
पल भर में भरेगी झोली, तू झोली फैला के देख
वो है जग से बेमिसाल सखी
माँ शेरोवाली कमाल सखी - 2
की री तुझे क्या बतलाऊं
वो है कितनी दीनदयाल सखी री, तुझे क्या बतलाऊं
तुझे क्या बतलाऊं
वो है कितनी दीनदयाल सखी री तुझे क्या बतलाऊं
तुझे क्या बतलाऊं
जो सच्चे दिल से द्वार मइया के जाता है
वो मुँह माँगा वर माँ जगजननी से पाता है - 2
फिर रहे न वो, फिर रहे न वो, कंगाल सखी
फिर रहे न वो, कंगाल सखी, हो जाये मालामाल सखी
की री तुझे क्या बतलाऊं
॥वो है कितनी दीनदयाल सखी री...॥
माँ पल -पल करती अपने भक्त की रखवाली
दुःख रोग हरे एक पल में माँ शेरोवाली - 2
करे पूरे सभी, सवाल सखी
बस मन से, भरम निकाल सखी - 2
की री तुझे क्या बतलाऊं
॥वो है कितनी दीनदयाल सखी री...॥
माँ भर दे खाली गोद, की रे आँगन भर दे रे
खुशियों के लगा दे ढेर, सुहागन कर दे रे - 2
माओं को देती, लाल सखी
रहने दे न, रे कोई मलाल सखी - 2
की री तुझे क्या बतलाऊं
॥वो है कितनी दीनदयाल सखी री...॥
हर कमी करे पूरी माँ, अपने प्यारो की
लम्बी है कहानी, मइया के उपकारों की - 2
देती है मुसीबत, टाल सखी
कहा जाये न, सारा हाल सखी - 2
की री तुझे क्या बतलाऊं
॥वो है कितनी दीनदयाल सखी री...॥
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