कोई कमी नहीं है, दर मइया के जाके देख
देगी तुझे दर्शन मइया, तू सर को झुका के देख
अगर आजमाना है, तो आजमा के देख
पल भर में भरेगी झोली, तू झोली फैला के देख
वो है जग से बेमिसाल सखी
माँ शेरोवाली कमाल सखी - 2
की री तुझे क्या बतलाऊं
वो है कितनी दीनदयाल सखी री, तुझे क्या बतलाऊं
तुझे क्या बतलाऊं
वो है कितनी दीनदयाल सखी री तुझे क्या बतलाऊं
तुझे क्या बतलाऊं
जो सच्चे दिल से द्वार मइया के जाता है
वो मुँह माँगा वर माँ जगजननी से पाता है - 2
फिर रहे न वो, फिर रहे न वो, कंगाल सखी
फिर रहे न वो, कंगाल सखी, हो जाये मालामाल सखी
की री तुझे क्या बतलाऊं
॥वो है कितनी दीनदयाल सखी री...॥
माँ पल -पल करती अपने भक्त की रखवाली
दुःख रोग हरे एक पल में माँ शेरोवाली - 2
करे पूरे सभी, सवाल सखी
बस मन से, भरम निकाल सखी - 2
की री तुझे क्या बतलाऊं
॥वो है कितनी दीनदयाल सखी री...॥
माँ भर दे खाली गोद, की रे आँगन भर दे रे
खुशियों के लगा दे ढेर, सुहागन कर दे रे - 2
माओं को देती, लाल सखी
रहने दे न, रे कोई मलाल सखी - 2
की री तुझे क्या बतलाऊं
॥वो है कितनी दीनदयाल सखी री...॥
हर कमी करे पूरी माँ, अपने प्यारो की
लम्बी है कहानी, मइया के उपकारों की - 2
देती है मुसीबत, टाल सखी
कहा जाये न, सारा हाल सखी - 2
की री तुझे क्या बतलाऊं
॥वो है कितनी दीनदयाल सखी री...॥
जानिए कौन हैं मां लक्ष्मी के भाई? इनके बिना अधूरी रहती हैं प्रत्येक पूजा?
दीपावली, जिसे दिवाली भी कहा जाता है, हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है। इसे अंधकार पर प्रकाश की, बुराई पर अच्छाई की और अज्ञानता पर ज्ञान की विजय के रूप में मनाया जाता है। इसके पीछे विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक कथाएँ जुड़ी हुई हैं।
पौराणिक कथाओं के अनुसार देवताओं और दानवों ने मिलकर क्षीरसागर में समुद्र मंथन किया था । इस समुद्र मंथन के दौरान 14 रत्न सहित अमृत और विष की प्राप्ति हुई।
पौराणिक कथाओं में जहां भी मां लक्ष्मी का वर्णन है वहां श्री हरि विष्णु जी का जिक्र अवश्य होता है। ये दोनों हमेशा एक दूसरे के साथ ही पूजे जाते हैं।