यदि नाथ का नाम दयानिधि है,
तो दया भी करेंगे कभी ना कभी,
दुखहारी हरी, दुखिया जन के,
दुख क्लेश हरेगें कभी ना कभी ॥
जिस अंग की शोभा सुहावनी है,
जिस श्यामल रंग में मोहनी है,
उस रूप सुधा से स्नेहियों के,
दृग प्याले भरेगें कभी ना कभी ॥
जहां गिद्ध निषाद का आदर है,
जहाँ व्याध अजामिल का घर है,
वही भेष बनाके उसी घर में,
हम जा ठहरेगें कभी ना कभी ॥
करुणानिधि नाम सुनाया जिन्हें,
कर्णामृत पान कराया जिन्हें,
सरकार अदालत में ये गवाह,
सभी गुजरेगें कभी ना कभी ॥
हम द्वार में आपके आके पड़े,
मुद्दत से इसी है जिद पर अड़े,
भव-सिंधु तरे जो बड़े से बड़े,
तो ये ‘बिन्दु’ तरेगें कभी ना कभी ॥
यदि नाथ का नाम दयानिधि है,
तो दया भी करेंगे कभी ना कभी,
दुखहारी हरी, दुखिया जन के,
दुख क्लेश हरेगें कभी ना कभी ॥
हिंदू धर्म में खरमास का विशेष महत्व है, जो एक महीने की अवधि के लिए अशुभ माना जाता है। इस दौरान विवाह समेत किसी भी तरह के शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं।
पंचांग के अनुसार फाल्गुना माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि है। वहीं आज शुक्रवार का दिन है। इस तिथि पर म्रृगशीर्षा नक्षत्र और प्रीति योग का संयोग बन रहा है। वहीं चंद्रमा मिथुन राशि में संचार कर रहे हैं और सूर्य कुंभ राशि में मौजूद हैं।
पंचांग के अनुसार फाल्गुना माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि है। वहीं आज शनिवार का दिन है। इस तिथि पर आद्रा नक्षत्र और आयुष्मान योग का संयोग बन रहा है। वहीं चंद्रमा मिथुन राशि में हैं और सूर्य कुंभ राशि में मौजूद हैं।
पंचांग के अनुसार फाल्गुना माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि है। वहीं आज दशमी का दिन है। इस तिथि पर पुनर्वसु नक्षत्र और सौभाग्य योग का संयोग बन रहा है।