यशोदा माँ के होयो लाल,
बधाई सारे भक्ता ने,
बधाई सारे भक्ता ने,
बाज्यो रे बाज्यो देखो थाल,
बधाई सारे भक्ता ने,
यशोदा मां के होयो लाल,
बधाई सारे भक्ता ने ॥
आज यो अँगणो धन्य हुयो है,
कृष्ण लला को जन्म हुयो है,
नाचो रे नाचो नौ नौ ताल,
बधाई सारे भक्ता ने,
यशोदा मां के होयो लाल,
बधाई सारे भक्ता ने ॥
खुशखबरी या सबने सुणावा,
झूमा रे नाचा मैं तो मौज मनावा,
गोपालो लियो अवतार,
बधाई सारे भक्ता ने,
यशोदा मां के होयो लाल,
बधाई सारे भक्ता ने ॥
महला में अंगणो अंगणा में पलणों,
पलणे में झूल रह्यो यशोदा को ललनो,
नजरा उतारा बारम्बार,
बधाई सारे भक्ता ने,
यशोदा मां के होयो लाल,
बधाई सारे भक्ता ने ॥
चालो जी चालो यशोदा माता के चाला,
बालक निरखस्या लुनराई वारा,
आवो सजावा पूजन थाल,
बधाई सारे भक्ता ने,
यशोदा मां के होयो लाल,
बधाई सारे भक्ता ने ॥
यशोदा माँ के होयो लाल,
बधाई सारे भक्ता ने,
बधाई सारे भक्ता ने,
बाज्यो रे बाज्यो देखो थाल,
बधाई सारे भक्ता ने,
यशोदा मां के होयो लाल,
बधाई सारे भक्ता ने ॥
पुराणों और शास्त्रों में 12 ज्योतिर्लिंग का बहुत महत्व बताया गया है। इन ज्योतिर्लिंगों से जुड़ी अपनी पौराणिक कथा और धार्मिक मान्यताएं है। द्वादश ज्योतिर्लिंगों में सातवे नंबर पर आने वाला काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग दुनिया भर में काफी प्रसिद्ध है।
हिंदू धर्म में 12 ज्योतिर्लिंगो का बहुत महत्व है। कहा जाता है इन 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन मात्र से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इन द्वादश ज्योतिर्लिंगों में नौवां ज्योतिर्लिंग बाबा बैद्यनाथ या बाबा वैद्यनाथ धाम झारखंड के देवघर में है।
शिव पुराण में 12 ज्योतिर्लिंगों का बहुत महत्व बताया गया है। इन सभी पावन ज्योतिर्लिंगों का अपना धार्मिक महत्व और मान्यताएं है।
विश्व प्रसिद्ध द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से तीन पावन ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र में अलग-अलग स्थानों पर विराजित है। लेकिन यहां एक ज्योतिर्लिंग ऐसा है जिसके बारे में तीर्थयात्रियों का मानना है की यहां की यात्रा करने से सभी 12 ज्योतिर्लिंगों की पूजा करने का लाभ मिलता है।