ज्योति कलश छलके (Jyoti Kalash Chhalake)

ज्योति कलश छलके

ज्योति कलश छलके

ज्योति कलश छलके

ज्योति कलश छलके

हुए गुलाबी, लाल सुनहरे

रंग दल बादल के

ज्योति कलश छलके


घर आंगन वन उपवन उपवन

करती ज्योति अमृत के सींचन

मंगल घट ढल के

मंगल घट ढल के

ज्योति कलश छलके


पात पात बिरवा हरियाला

धरती का मुख हुआ उजाला

सच सपने कल के

सच सपने कल के

ज्योति कलश छलके


ऊषा ने आँचल फैलाया

फैली सुख की शीतल छाया

नीचे आँचल के

नीचे आँचल के

ज्योति कलश छलके


ज्योति यशोदा धरती मैय्या

नील गगन गोपाल कन्हैय्या

श्यामल छवि झलके

श्यामल छवि झलके

ज्योति कलश छलके


अम्बर कुमकुम कण बरसाये

फूल पँखुडियों पर मुस्काये

बिन्दु तुहिन जल के

बिन्दु तुहिन जल के

ज्योति कलश छलके

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कन्हैया ने जब पहली बार बजाई मुरली, सारी सृष्टि में आनंद की लहर दौड़ी

मुरलीधर, मुरली बजैया, बंसीधर, बंसी बजैया, बंसीवाला भगवान श्रीकृष्ण को इन नामों से भी जाना जाता है। इन नामों के होने की वजह है कि भगवान को बंसी यानी मुरली बहुत प्रिय है। श्रीकृष्ण मुरली बजाते भी उतना ही शानदार हैं।

दे दे थोड़ा प्यार मैया, तेरा क्या घट जायेगा(De De Thoda Pyar Maiya Tera Kya Ghat Jayega)

दे दे थोड़ा प्यार मैया,
तेरा क्या घट जायेगा,

कार्तिगाई दीपम उत्सव क्या है

कार्तिगाई दीपम उत्सव दक्षिण भारत के सबसे प्राचीन और महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, जो भगवान कार्तिकेय को समर्पित है।

हे संकट मोचन करते है वंदन(Hey Sankat Mochan Karte Hai Vandan)

हे संकट मोचन करते है वंदन
तुम्हरे बिना संकट कौन हरे,

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