बिरला परिवार ने बनवाया पटना का ये मंदिर, महादेव-हनुमान समेत कई देवता विराजमान
बिरला मंदिर पटना के बाकरगंज में स्थित है। यह देश भर के बिरला परिवार द्वारा बनवाए गए मंदिरों में से एक है। पटना में बिरला मंदिर शहर के प्रमुख मंदिरों में सबसे महत्वपूर्ण स्थान रखता है। मंदिर अशोक राजपथ पर सब्जीबाग के पास स्थित है। यह मंदिर माता लक्ष्मी और भगवान नारायण को समर्पित है और इसे लक्ष्मी नारायण मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।
मंदिर का इतिहास और वास्तुकला
बिरला मंदिर पटना भव्य रुप से विस्तृत वास्तुकला में बनाया गया है। इस मंदिर में भगवान लक्ष्मी नारायण मुख्य देवता है। मंदिर में शिव जी, गणेश जी, भगवान हनुमान, माता रानी, श्री कृष्ण की भी पूजा की जाती है। मंदिर में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी व अन्य देवी-देवताओं की संगमरमर के पत्थर से तराशी गई सुंदर मूर्तियां स्थापित है।
मंदिर के त्योहार
बिरला मंदिर में जन्माष्टमी, दीपावली, शिवरात्रि नवरात्रि, अन्नकूट धूमधाम से मनाया जाता है। जन्माष्टमी का त्योहार पर मंदिर में भव्य सजावट की जाती है। इस दिन मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है।
कैसे पहुंचे
हवाई मार्ग - यहां का निकटतम हवाई अड्डा पटना का जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है। एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी 10 किमी है। यहां से आप टैक्सी के द्वारा मंदिर पहुंच सकते हैं।
रेल मार्ग - पटना रेलवे स्टेशन शहर का मुख्य रेलवे स्टेशन है। स्टेशन से बिरला मंदिर की दूरी लगभग 6 से 7 किलोमीटर है। यहां से आप टैक्सी के द्वारा मंदिर पहुंच सकते हैं।
सड़क मार्ग - पटना के विभिन्न हिस्सों से अच्छी सड़के है। आप आसानी से मंदिर तक पहुंच सकते हैं।
मंदिर का समय - सुबह 9 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक ये मंदिर खुलता है।
महाकुंभ का आगाज अब दूर नहीं है। इस महान धार्मिक आयोजन की तैयारियां जोरों पर हैं। लाखों श्रद्धालुओं के आगमन को देखते हुए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की जा रही हैं। महाकुंभ में साधु-संतों का विशेष महत्व होता है।
महाकुंभ भारत का एक विशाल धार्मिक समागम है जो हर 12 साल में आयोजित किया जाता है। यह हिंदू धर्म का सबसे बड़ा मेला है और दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक समागमों में से एक है। वहीं 12 साल के बाद प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन होने जा रहा है।
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 13 जनवरी 2025 से शुरू हुआ महाकुंभ मेला 26 फरवरी तक चलने वाला है। इस पवित्र पर्व पर देश भर से साधु-संतों का जमावड़ा लगा हुआ है। खासतौर पर नागा साधुओं की मौजूदगी इस मेले की शोभा बढ़ा रही है।
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित विश्व के सबसे बड़े धार्मिक मेले, महाकुंभ ने एक बार फिर से लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है। इस मेले में देश-विदेश से आए साधु-संतों की भारी भीड़ ने इस पवित्र नगरी को और भी पवित्र बना दिया है।