बाबा हरिहर नाथ मंदिर, सोनपुर, बिहार

दर्शन समय

4:30 AM - 9 PM

इस मंदिर में एक साथ विराजें हैं भगवान विष्णु और भगवान शिव, श्रीराम ने की थी स्थापना  


हरिहर नाथ मंदिर, देश का एकमात्र ऐसा मंदिर जहां मंदिर के गर्भगृह में एक ही साथ विराजमान है भगवान विष्णु और भगवान शिव। हरिहर नाथ मंदिर सोनपुर में गंडक और गंगा के तट पर बिहार के सारण जिसे के सोनपुर में स्थित है। बाबा हरिहर नाथ शिवलिंग एकमात्र ऐसा शिवालय है जिसके आधे भाग में शिव (हर) और आधे भाग में विष्णु (हरि)  का आकृति है, एक ही गर्भगृह में विराजे दोनों देव एक साथ हरिहर कहलाते है। देश के चार धर्म महा क्षेत्रों में से एक हरिहर क्षेत्र है। ऋषियों और मुनियों ने इसे प्रयाग और गया से भी श्रेष्ठ माना है। ऐसा कहा जाता है कि इस संगम की धारा में स्नान करने से हजारों वर्ष के पाप कट जाते हैं। 


इसी स्थान पर हुई शैव और वैष्णव की सुलह 


मान्यता है कि इसकी स्थापना स्वयं ब्रह्मा ने शैव और वैष्णव संप्रदाय को एक-दूसरे के पास लाने के लिए की थी। गज-ग्राह की पुराण कथा भी प्रमाण है। एक और मान्यता के अनुसार, इसी स्थान पर लंबे संघर्ष के बाद शैव व वैष्णव मतावलंबियों का संघर्ष विराम हुआ था। कथा के अनुसार श्री रामचंद्र ने गुरु विश्वामित्र के साथ जनकपुर जाने के दौरान यहां रुक कर हरि और हर की स्थापना की थी। उनके चरण चिन्ह हाजीपुर स्थित रामचौरा में मौजूद हैं। इस क्षेत्र में शैव, वैष्णव और शाक्त संप्रदाय के लोग एक साथ कार्तिक पूर्णिमा का स्नान और जलाभिषेक करते हैं। 1757 के पहले मंदिर इमारती लकड़ियों और काले पत्थरों के शिला खंड से बना था। इनपर हरि और हर के चित्रक और स्तुतियां उकेरी गई थीं। इस मंदिर का पुननिर्माण मीर कासिम के नायब सूबेदार राजा रामनारायण सिंह ने करवाया था। 



मंदिर की नित्य समय सारिणी


1- प्रातः मंगला आरती - गर्मियों में सुबह 4 बजे से और सर्दियों में सुबह 5 बजे से।

2- नित्य अभिषेक -  प्रातः सुबह 6 बजे से 7 बजे तक।

3- नित्य राजभोग - 11.30 से 12 बजे तक नित्य राजभोग।

4- मध्याह्न - 12 बजे से अपराह्न 2 बजे तक शयन पट्ट बंद।

5- अपराह्न - 2 बजे से संध्या 4 बजे तक भक्तों द्वारा पूजा अर्चना।

6- संध्या -  शाम 4 बजे से भगवान का संध्या श्रृंगार और आरती की तैयारी।

7- संध्या श्रृंगार आरती- गर्मियों में सुबह 7.30 से और सर्दियों में शाम 6.30 से।

8- श्रृंगार दर्शन - रात्रि 8.30 बजे से। 

9- रात्रि- 8.30 बजे भोग और रात 9 बजे शयन पट्ट बंद।


हरिहर नाथ मंदिर के प्रमुख त्यौहार


बाबा हरिहर नाथ मंदिर में शिवरात्रि प्रमुख त्यौहार है। हिंदू कैलेंडर माह के अनुसार, यह हर साल सरकार द्वारा कार्तिक महीने में सोनपुर मेला आयोजित किया जाता है। सोनपुर मेला बिहार के लोकप्रिय मेलों में से एक है।  सावन में पूरे बिहार से श्रद्धालु जलाभिषेक करने पहुंचते हैं। 


यहां लगता है विश्व प्रसिद्ध मेला


जैसा कि हम सब जानते है कि सोनपुर मेला कार्तिक मास के पूर्णिमा तिथि से शुरू होता है और अगले 30 दिन चलता है। हालांकि आधिकारिक तौर पर यह मेला 15 दिनों तक ही चलता है। सोनपुर मेला जहां लगता है, वहां बाबा हरिहर नाथ का मंदिर है। ऐसी मान्यता है कि इस पशु मेले से पशु खरीदना बहुत शुभ माना जाता है। इस मेले के पीछे एक कथा प्रचलित है कि एक बार हाथी और मगरमच्छ के बीच युद्ध हुआ था। इस युद्ध को भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र चलाकर खत्म किया था। तभी से पशु मेला लगा। कहते है कि भगवान विष्णु और भगवान भोलेनाथ की एक साथ पूजा करने से मनोकामना पूर्ण होती है। हर साल कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर गंगा स्नान करने के लिए लाखों श्रद्धालु गंगा, गंडक में स्नान करने के लिए आते हैं। 



हरिहर नाथ मंदिर कैसे पहुंचे


हवाई मार्ग - यहां का निकटतम हवाई अड्डा पटना  एयरपोर्ट है। जो कि हरिहर नाथ मंदिर से करीबन 23 किमी दूर है। यहां से आप टैक्सी से मंदिर पहुंच सकती है।

रेल मार्ग - यहां का निकटतम रेलवे स्टेशन सोनपुर जंक्शन है। यह दुनिया का 8वां सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन है। यहां से भारत के हर हिस्से को जोड़ने वाली ट्रेनें चलती है। यह भारतीय रेलवे का पूर्व मध्य रेलवे मंडल मुख्यालय है। यहां से आप मंदिर के लिए ऑटो या बस सेवा ले सकते हैं। 

सड़क मार्ग - सोनपुर हाजीपुर से लगभग 3 किलोमीटर और पटना से लगभग 25 किलोमीटर और बिहार के मुजफ्फरपुर से 58 किलोमीटर और सारण जिले के मुख्यालय छपरा से 60 किलोमीटर दूर हैं। बसें, टैक्सी और ऑटो-रिक्शा आसानी से उपलब्ध हैं।

जलमार्ग - बिहार सरकार पटना से सोनपुर पशु मेले के मौसम के दौरान सोनपुर के लिए नौका का आयोजन करती है।


मंदिर का समय-  सुबह 4.30 बजे से रात 9 तक।





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