बाबा करले तू इत्थे भी नजर भगत कोई रोता होवेगा (Baba Karle Tu Ithe Bhi Nazar Bhagat Koi Rota Hoyega)

बाबा करले तू इत्थे भी नजर,

भगत कोई रोता होवेगा,

आया होगा हार के वो हर डगर,

आया होगा हार के वो हर डगर,

भगत कोई रोता होवेगा,

बाबा करलें तू इत्थे भी नजर,

भगत कोई रोता होवेगा ॥


तेरी दुनिया में नहीं आता,

बाबा कोई काम है,

कहते है खाटू विच,

मिलता आराम है,

ये ही आस ले आया हूँ तेरे दर,

ये ही आस ले आया हूँ तेरे दर,

भगत कोई रोता होवेगा,

बाबा करलें तू इत्थे भी नजर,

भगत कोई रोता होवेगा ॥


मैं भी हार के आया था बाबा,

कभी तेरे द्वार पे,

सर पे रखा था मेरे,

हाथ तूने प्यार से,

थोड़ी इन पे भी कर दे मेहर,

थोड़ी इन पे भी कर दे मेहर,

भगत कोई रोता होवेगा,

बाबा करलें तू इत्थे भी नजर,

भगत कोई रोता होवेगा ॥


मेरी बिगड़ी बनाई,

अब इनकी बनानी है,

यूँ ही नहीं बाबा तेरी,

दुनिया दीवानी है,

तुझे लेनी होगी इनकी भी खबर,

तुझे लेनी होगी इनकी भी खबर,

भगत कोई रोता होवेगा,

बाबा करलें तू इत्थे भी नजर,

भगत कोई रोता होवेगा ॥


तेरी पड़ेगी नजर,

दुनिया फेरेगी नजर,

तेरी ही कृपा का बाबा,

होवेगा असर,

गाने लगेगा वो झूम झूम कर,

गाने लगेगा वो झूम झूम कर,

भगत कोई रोता होवेगा,

बाबा करलें तू इत्थे भी नजर,

भगत कोई रोता होवेगा ॥


बाबा करले तू इत्थे भी नजर,

भगत कोई रोता होवेगा,

आया होगा हार के वो हर डगर,

आया होगा हार के वो हर डगर,

भगत कोई रोता होवेगा,

बाबा करलें तू इत्थे भी नजर,

भगत कोई रोता होवेगा ॥

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ओ मईया तैने का ठानी मन में (O Maiya Tene Ka Thani Man Me)

ओ मईया तैने का ठानी मन में,
राम-सिया भेज दये री बन में,

तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे बलिहार(Teri Mand Mand Mushakniya Pe Balihar)

तेरी मंद-मंद मुस्कनिया पे,
बलिहार संवारे जू ।

होलिका दहन की राख से धनलाभ

होलिका दहन फाल्गुन मास की पूर्णिमा पर किया जाता है, इसे छोटी होली भी कहते हैं। यह बुराई पर अच्छाई की जीत और सच्ची भक्ति का प्रतीक है।

शुक्रवार की पूजा विधि

हिंदू धर्म में शुक्रवार का दिन विशेष रूप से देवी लक्ष्मी से जुड़ा होता है। इसे लक्ष्मी व्रत या शुक्रवार व्रत के रूप में मनाया जाता है।

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