बाबा का दरबार सुहाना लगता है,
भक्तों का तो दिल दीवाना लगता है ॥
हमने तो बड़े प्यार से कुटिया बनायीं है,
कुटिया में बाबा तेरी मूरत सजाई है,
अच्छा हमें तुमको सजाना लगता है,
भक्तों का तो दिल दीवाना लगता है ॥
बाबा का दरबार सुहाना लगता है,
भक्तों का तो दिल दीवाना लगता है ॥
रंग बिरंगे फूलो की लड़िया लगे प्यारी,
बालाजी तेरी सूरत हमे लागे बड़ी न्यारी,
अच्छा हमें तुझको मनाना लगता है,
भक्तों का तो दिल दीवाना लगता है ॥
बाबा का दरबार सुहाना लगता है,
भक्तों का तो दिल दीवाना लगता है ॥
हम तेरी राहों को पलकों से बुहारेंगे,
तुम ना आओगे तो बाबा तुम्हें पुकारेंगे,
अच्छा हमें तुझको बुलाना लगता है,
भक्तों का तो दिल दीवाना लगता है ॥
बाबा का दरबार सुहाना लगता है,
भक्तों का तो दिल दीवाना लगता है ॥
हम तेरी चोखट पे बाबा बिछ-बिछ जायेंगे,
कहते है भक्त तेरी महिमा गाएँगे,
अच्छा हमे रिश्ता निभाना लगता है,
भक्तों का तो दिल दीवाना लगता है ॥
बाबा का दरबार सुहाना लगता है,
भक्तों का तो दिल दीवाना लगता है ॥
बाबा का दरबार सुहाना लगता है,
भक्तों का तो दिल दीवाना लगता है ॥
वा रे लाला नन्द का,
तूने जनम चराई ढोर,
बोल पिंजरे का तोता राम,
हरे राम राधेश्याम सियाराम रे,
गणपति गजवदन विनायक,
थाने प्रथम मनावा जी,
गणपति जी गणेश नू मनाइये,
सारे काम रास होणगे,