Anant Chaturdashi 2024 Special: क्या है 14 गांठ वाले धागे का महत्व

अनंत चतुर्दशी पर बांधें अनंत धागा बांधने से होते हैं चमत्कारी लाभ, जानिए क्या है 14 गांठ वाले धागे का महत्व 


हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक वर्ष भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को अनंत चतुर्दशी का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन लोग गणेश जी के साथ भगवान विष्णु के अनंत स्वरूप की पूजा करते हैं। इस अवसर पर लोग हाथ में 14 गांठ वाला अनंत धागा या रक्षा सूत्र बांधते हैं। अनंत सूत्र को श्रद्धा और भक्ति के साथ बांधा जाता है जिससे उसका पूरा लाभ मिल पाता है। इस तिथि पर भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने का भी विशेष महत्व है। इस दिन यदि आप कुछ खास उपाय करते हैं, तो आपके जीवन की कई समस्याएं दूर हो जाती हैं और इसका शुभ फल मिलता है। भक्तवत्सल के इस आर्टिकल में जानेंगे अनंत चतुर्दशी पर अनंत धागा क्यों बांधा जाता है, इससे क्या लाभ होते हैं और इसको बांधने से पहले किस विधि का पालन करना चाहिए...


अनंत चतुर्दशी पर अनंत धागा बांधने का महत्व 


माना जाता है कि भगवान विष्णु की विधि-विधान के साथ पूजा और व्रत करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही इस दिन अनंत सूत्र का भी विशेष महत्व माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अनंत धागे से व्यक्ति सुरक्षित रहता है, उसे किसी चीज का भय नहीं रहता है। श्रीहरि की कृपा से उसे जीवन के अंत में मोक्ष की प्राप्ति होती है। उसे वैकुंठ में स्थान प्राप्त होता है। 


अनंत सूत्र बांधने की विधि:


- सुबह स्नान करें और साफ वस्त्र पहनें।

- एक साफ और सूखे स्थान पर बैठें।

- भगवान विष्णु की पूजा के बाद एक कच्ची रेशम की डोरी को हल्दी या केसर से रंग दें।

- इसके बाद उस डोर में चौदह गांठ लगाएं, और इसे प्रभु श्री हरि के चरणों में अर्पित कर दें। 

- प्रत्येक गांठ के साथ "ॐ अनंताय नमः" मंत्र का जाप करें।

- इसके बाद सूत्र को अपने हाथ में बांध लें।

- इस दिव्य सूत्र को पुरुष अपने दाएं हाथ में बांधे। 

- वहीं महिलाओं को इस सूत्र को अपने बाएं हाथ में बांधना चाहिए। 


अनंत सूत्र बांधने के लाभ:


1. भगवान विष्णु की कृपा प्राप्ति

2. जीवन में सुख और समृद्धि

3. बुराई से रक्षा

4. स्वास्थ्य और दीर्घायु

5. मोक्ष की प्राप्ति


अनंत चतुर्दशी पर करें ये उपाय


- यदि आपके घर किसी को बुरी नजर लग गई है, तो इसके लिए अनंत चतुर्दशी पर ये उपाय कर सकते हैं। इसके लिए अनंत चतुर्दशी के दिन एक कलश में 14 लौंग और कपूर डालकर जलाएं। इसके बाद इस कलश को किसी चौराहे पर रख दें। वहीं घर से नकारात्मकता को दूर करने के लिए इस दिन 14 जायफल लेकर किसी पवित्र नदी में प्रवाहित कर दें। इससे बुरी नजर से राहत मिल सकती है।


- अनंत चतुर्दशी के दिन सत्यनारायण भगवान की पूजा करना बेहद शुभ माना जाता है। ऐसे में इस दिन पूजा के दौरान एक लड्डू में 14 लौंग लगाकर सत्यनारायण भगवान को अर्पित करें और पूजा के बाद इसे किसी चौराहे पर रख दें। ऐसा करने से आपको तमाम तरह की मुसीबतों से मुक्ति मिल सकती है।


इसके अलावा यदि आप किसी उपाय नहीं करना चाहते तो भी अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान श्री हरि विष्णु की पूजा अवश्य करें, भगवान विष्णु की पूजा कभी निष्फल नहीं होती और प्रत्येक व्यक्ति को इसका शुभ फल अवश्य प्राप्त होता है। बोलिए श्री अनंत रूप भगवान श्री हरि विष्णु की जय।

........................................................................................................
बजरंगी तेरा सोटा कमाल (Bajrangi Tera Sota Kamal)

बजरंगी तेरा सोटा कमाल,
मचाई जग में बाबा धमाल,

दशा माता की कथा (Dasha Maata Ki Katha)

सालों पहले नल नामक एक राजा राज किया करते थे। उनकी पत्नी का नाम दमयंती था। दोनों अपने दो बेटों के साथ सुखी जीवन जी रहे थे।

भवसागर तारण कारण हे (Bhava Sagara Tarana Karana He)

भवसागर तारण कारण हे ।
रविनन्दन बन्धन खण्डन हे ॥

परिवर्तनी एकादशी 2024: चातुर्मास के दौरान जब भगवान विष्णु बदलते हैं करवट, जानें इस दिन की पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व

हिंदू धर्म में व्रत और त्योहारों का बहुत महत्व है। हर एक त्योहार और व्रत से जुड़ी कई कथाएं होती हैं, जिन्हें पढ़ने और जानने से व्यक्ति को धार्मिक लाभ होते हैं।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।