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आषाढ़ अमावस्या के उपाय

आषाढ़ अमावस्या के उपाय

Ashadha Amavasya Upay: पितृ दोष से पाना चाहते हैं मुक्ति, तो आषाढ़ मास की अमावस्या पर करें ये आसान उपाय  

हिंदू धर्म में पितृ दोष को अत्यंत गंभीर माना गया है। यह दोष तब उत्पन्न होता है जब पूर्वजों की आत्मा किसी कारणवश अशांत होती है या पितरों का उचित विधि से श्राद्ध, तर्पण या पूजा न की जाए। ऐसे में जीवन में बार-बार बाधाएं, संतान संबंधी कष्ट, विवाह में देरी, आर्थिक तंगी और मानसिक अशांति बनी रहती है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, आषाढ़ अमावस्या पितृ दोष निवारण के लिए एक अत्यंत शुभ अवसर होता है। इस दिन कुछ विशेष उपाय करके पितरों की कृपा प्राप्त की जा सकती है।

पीपल के पेड़ की करें पूजा 

  • आषाढ़ अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं और कच्चा दूध या गंगाजल चढ़ाएं।
  • पीपल के पेड़ की सात परिक्रमा करें और हर परिक्रमा में ‘ॐ नमः भगवते वासुदेवाय’ या ‘ॐ पितृ देवाय नमः’ मंत्र का जाप करें।
  • ऐसी मान्यता है कि पीपल के वृक्ष में ब्रह्मा, विष्णु और शिव का वास होता है और यह पितरों का प्रतीक भी माना जाता है।
  • पीपल की पूजा से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और वे प्रसन्न होकर आशीर्वाद प्रदान करते हैं। 

पशु-पक्षियों को कराएं भोजन 

आषाढ़ अमावस्या पर गाय, कुत्ते, कौवे और चींटियों को भोजन कराना अत्यंत पुण्यदायक होता है। यह उपाय पितृ दोष की शांति के साथ-साथ राहु-केतु के दोष को भी कम करता है।

  • गाय को हरा चारा या गुड़-चना खिलाएं।
  • कुत्ते को रोटी में घी या दूध लगाकर दें।
  • कौवे को चावल, रोटी या पका हुआ भोजन अर्पित करें, क्योंकि कौवे को पितरों का प्रतिक माना गया है।
  • चींटियों के बिल पर आटे में चीनी मिलाकर डालें।

पितृ दोष निवारण के लिए करें ये विशेष उपाय 

  • इस दिन ब्राह्मणों को सात्विक भोजन, दक्षिणा और वस्त्र दान करने से पितरों की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
  • गरीब, वृद्ध या असहाय व्यक्ति को अन्न, छाता, जल पात्र, और तांबे का बर्तन भी दान करें।
  • आषाढ़ अमावस्या की शाम को घर के दक्षिण दिशा में सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
  • इस दिन ‘ॐ नमः शिवाय’, ‘ॐ पितृ देवाय नमः’ और ‘ॐ सर्व पितृभ्यः नमः’ मंत्रों का जाप करें।

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