Ashadha Vinayak Chaturthi 2025: आषाढ़ विनायक चतुर्थी पर रवि योग में करें पूजा, भद्रा का साया रहेगा; केवल 2 घंटे 47 मिनट का रहेगा शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहा जाता है। यह तिथि भगवान गणेश को समर्पित होती है और प्रत्येक माह आने वाली चतुर्थी के बीच आषाढ़ की विनायक चतुर्थी का विशेष महत्व होता है। इस दिन भक्त भगवान गणेश से विघ्नों की समाप्ति, सौभाग्य और सुख-समृद्धि की कामना करते हैं।
आषाढ़ शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 28 जून 2025 को सुबह 9:53 बजे होगी और यह तिथि 29 जून की सुबह 9:14 बजे तक रहेगी।
हालांकि व्रत और पूजन का निर्धारण उदयातिथि के आधार पर होता है, इस कारण विनायक चतुर्थी 28 जून 2025 को ही मनाई जाएगी।
28 जून को भगवान गणेश की पूजा का शुभ समय सुबह 11:01 बजे से दोपहर 1:48 बजे तक रहेगा। यह मुहूर्त कुल 2 घंटे 47 मिनट का होगा, जिसमें पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
इस वर्ष की आषाढ़ विनायक चतुर्थी पर रवि योग का विशेष संयोग बन रहा है। रवि योग समस्त कार्यों के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है और यह संपूर्ण दिन रहेगा। रवि योग का प्रभाव 29 जून को सुबह 5:26 बजे तक बना रहेगा।
आषाढ़ गणेश चतुर्थी के दिन पूजा के दौरान भद्रा का साया भी रहेगा, जो कि कुछ कार्यों के लिए अशुभ माना जाता है। भद्रा का प्रभाव सुबह 10:14 बजे से दोपहर 3:42 बजे तक रहेगा।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जब तक भद्रा समाप्त नहीं होती, तब तक शुभ कार्यों को टालना चाहिए, लेकिन चतुर्थी पूजन के लिए जो विशिष्ट मुहूर्त निकलता है, उसमें पूजा की जा सकती है यदि वह काल भद्रा के पूर्ण प्रभाव से मुक्त हो।