Logo

बसंत पंचमी पर पीले कपड़े क्यों पहनते हैं?

बसंत पंचमी पर पीले कपड़े क्यों पहनते हैं?

Basant Panchami 2025: आखिर बसंत पंचमी के दिन पीले रंग के कपड़े क्यों पहनते हैं? जानिए महत्व


बसंत पंचमी सनातन धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह त्योहार विद्या, कला और संगीत की देवी सरस्वती को समर्पित है और हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस साल बसंत पंचमी का पर्व 2 फरवरी 2025 को मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बसंत पंचमी के दिन पीले रंग के कपड़े पहनकर पूजा करना शुभ माना गया है। आखिर इस दिन पीले रंग के कपड़े क्यों पहने जाते हैं? तो आइए जानते हैं इसके पीछे छिपे कारण और महत्व के बारे में...


बसंत पंचमी पर क्यों पहने जाते हैं पीले रंग के कपड़े?


बसंत पंचमी के दिन पीले वस्त्र को पहनना शुभ माना जाता है। इसके पीछे कई मान्यताएं जुड़ी हुई हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पीला रंग भगवान सूर्य का प्रतीक है। सूर्य की किरणें जिस प्रकार अंधकार का विनाश करती हैं, उसी तरह ये मनुष्य के हृदय में बसी बुरी भावना को नष्ट करती हैं। इसलिए बसंत पंचमी के दिन पीला रंग पहनना शुभ माना गया है। वहीं, पीला रंग देवी सरस्वती का प्रिय रंग माना जाता है। हिंदू धर्म में पीला रंग शुभता, ज्ञान और समृद्धि का प्रतीक है। ऐसे में इस खास दिन पर पीले रंग के कपड़े पहनकर, पूजा-अर्चना करना बेहद शुभ माना जाता है। साथ ही बसंत पंचमी के दिन देवी सरस्वती की पूजा में भी उन्हें पीले वस्त्र पहनाए जाते हैं, पीले रंग के फूल  और पीले रंग का प्रसाद अर्पित किए जाते हैं।



बसंत पंचमी 2025 शुभ मुहूर्त 


पंचांग के अनुसार, माघ शुक्ल पंचमी तिथि 2 फरवरी को सुबह 9.14 बजे से 3 फरवरी को सुबह 6.52 बजे तक है। उदया तिथि के अनुसार बसंत पंचमी 2 फरवरी को मनाई जाएगी। 2 फरवरी को बसंत पंचमी के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 7 बजकर 9 मिनट से शुरु होगा, जो दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक रहेगा।



बसंत पंचमी के दिन इस मंत्र का करें जाप



बसंत पंचमी के दिन पूजा के दौरान देवी सरस्वती को सफेद चंदन अर्पित करें। फिर ओम ऐं सरस्वत्यै ऐं नमः मंत्र का 108 बार जाप करें। इस उपाय से शिक्षा के क्षेत्र में सफलता मिलती है। साथ ही पढ़ाई में आ रही बाधा दूर हो जाती हैं।


........................................................................................................
स्कंद षष्ठी पर क्या भोग लगाएं

स्कंद षष्ठी का पर्व भगवान शिव के बड़े पुत्र, भगवान कार्तिकेय को समर्पित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन विधिवत पूजा करने से व्यक्ति को मनोवांछित फल की प्राप्ति हो सकती है।

फरवरी में कब है स्कंद षष्ठी?

हिंदू पंचांग के अनुसार, हर महीने शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को स्कंद षष्ठी का व्रत रखा जाता है। इसे कुमार षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा और व्रत कथा का पाठ करने से मन को शांति मिलती है।

स्कंद षष्ठी की पूजा विधि

भगवान कार्तिकेय का मिलेगा आशीर्वाद, स्कंद षष्ठी के दिन इस तरह से करें पूजा

स्कंद षष्ठी उपाय

हर माह की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को स्कंद षष्ठी का व्रत किया जाता है। इस दिन विशेष उपाय करने से जीवन की विभिन्न समस्याओं से मुक्ति मिलती है। आइए जानते हैं कुछ प्रभावी उपाय...

यह भी जाने

संबंधित लेख

HomeAartiAartiTempleTempleKundliKundliPanchangPanchang