हिंदू पंचांग के अनुसार प्रदोष व्रत हर महीने के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। यह व्रत विशेष रूप से भगवान शिव को समर्पित होता है। भाद्रपद महीने का पहला प्रदोष व्रत 2025 में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि, स्वास्थ्य, शांति और मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। भाद्रपद मास का पहला प्रदोष व्रत 2025 में 20 अगस्त, बुधवार को रखा जाएगा।
शिवलिंग पर जल चढ़ाना अत्यंत शुभ माना जाता है। ऐसा करने से महादेव की कृपा प्राप्त होती है और रुके हुए कार्य पूरे होने लगते हैं। दूध अर्पित करने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है और दीर्घायु का आशीर्वाद मिलता है। यह भगवान शिव के शीतल स्वभाव का प्रतीक है।
बेलपत्र भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। इसे चढ़ाने से शिवजी की विशेष कृपा प्राप्त होती है और घर-परिवार में सुख-शांति बनी रहती है। धतूरा का अर्पण करने से मन को शांति मिलती है और शुभ फल की प्राप्ति होती है। यह भी महादेव का प्रिय प्रसाद है।
गंगाजल चढ़ाने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। शिवलिंग पर शहद चढ़ाने से जीवन में मधुरता आती है और रिश्तों में प्रेम और सामंजस्य बढ़ता है।