कालाष्टमी का दिन भगवान काल भैरव को समर्पित होता है, जो भगवान शिव के रौद्र रूप माने जाते हैं। काल भैरव की उपासना करने से भक्तों के जीवन से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है, भय समाप्त होता है और कठिनाइयों का निवारण होता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन विधिवत पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि और मानसिक शांति आती है।
पंचांग के अनुसार, कालाष्टमी का व्रत और पूजा उदयातिथि के आधार पर की जाती है, इसलिए इस वर्ष भाद्रपद मास की कालाष्टमी 26 अगस्त को ही मनाई जाएगी।
काल भैरव को समय और न्याय का देवता भी माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव ने ब्रह्मा जी के अहंकार को दूर करने के लिए काल भैरव का रूप धारण किया था। इसीलिए कालाष्टमी पर भगवान भैरव की पूजा से व्यक्ति के अहंकार, क्रोध और नकारात्मक भाव समाप्त होते हैं।
कालाष्टमी पर करें ‘ॐ काल भैरवाय नमः’ मंत्र का जाप