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26 एकादशी 2026 में पड़ेंगी

26 एकादशी 2026 में पड़ेंगी

Ekadashi 2026 List: इस साल 24 नहीं 26 एकादशी पड़ेगीं, यहां देखिए पूरी लिस्ट

Ekadashi 2026 List: हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष आध्यात्मिक महत्व माना गया है। हर माह कृष्ण और शुक्ल पक्ष की ग्यारहवीं तिथि को एकादशी व्रत रखा जाता है। सामान्य रूप से एक वर्ष में 24 एकादशी आती हैं, लेकिन वर्ष 2026 में अधिक मास होने के कारण कुल 26 एकादशी व्रत पड़ने वाले हैं। शास्त्रों में एकादशी को हरि दिन और हरि वासर कहा गया है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा, जप तप और व्रत करने से पुण्य फल कई गुना बढ़ जाता है। स्कंद पुराण में भी एकादशी व्रत को समस्त व्रतों में श्रेष्ठ बताया गया है।

एकादशी क्यों है खास, अधिक मास का प्रभाव

हिंदू पंचांग के अनुसार लगभग हर तीसरे वर्ष अधिक मास आता है। इसी कारण उस वर्ष दो अतिरिक्त एकादशी तिथियां जुड़ जाती हैं। साल 2026 में अधिक मास का आरंभ 17 मई 2026 से माना जा रहा है और इसका समापन 15 जून 2026 के आसपास होगा। अधिक मास में पड़ने वाली एकादशियों को विशेष पुण्यदायी माना गया है। इस दौरान किया गया व्रत, दान और विष्णु उपासना अक्षय फल प्रदान करती है। इसलिए 2026 में आने वाली 26 एकादशियां श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही हैं।

पूरी लिस्ट नाम के साथ

साल 2026 में पड़ने वाली सभी एकादशी तिथियां इस प्रकार हैं

दिनांक | दिन | एकादशी का नाम

  •  14 जनवरी | बुधवार | षटतिला एकादशी
  •  29 जनवरी | गुरुवार | जया एकादशी
  •  13 फरवरी | शुक्रवार | विजया एकादशी
  •  27 फरवरी | शुक्रवार | आमलकी एकादशी
  •  15 मार्च | रविवार | पापमोचिनी एकादशी
  •  29 मार्च | रविवार | कामदा एकादशी
  •  13 अप्रैल | सोमवार | वरुथिनी एकादशी
  •  27 अप्रैल | सोमवार | मोहिनी एकादशी
  •  13 मई | बुधवार | अपरा एकादशी
  •  27 मई | बुधवार | पद्मिनी एकादशी
  •  11 जून | गुरुवार | परम एकादशी
  •  25 जून | गुरुवार | निर्जला एकादशी
  •  10 जुलाई | शुक्रवार | योगिनी एकादशी
  •  25 जुलाई | शनिवार | देवशयनी एकादशी
  •  09 अगस्त | रविवार | कामिका एकादशी
  •  23 अगस्त | रविवार | श्रावण पुत्रदा एकादशी
  •  07 सितंबर | सोमवार | अजा एकादशी
  •  22 सितंबर | मंगलवार | परिवर्तिनी एकादशी
  •  06 अक्टूबर | मंगलवार | इन्दिरा एकादशी
  •  22 अक्टूबर | गुरुवार | पापांकुशा एकादशी
  •  05 नवंबर | गुरुवार | रमा एकादशी
  •  20 नवंबर | शुक्रवार | देवुत्थान एकादशी
  •  04 दिसंबर | शुक्रवार | उत्पन्ना एकादशी
  •  20 दिसंबर | रविवार | मोक्षदा एकादशी

एकादशी व्रत का महत्व

एकादशी व्रत को भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने का श्रेष्ठ साधन माना गया है। मान्यता है कि जो भक्त श्रद्धा और नियमपूर्वक एकादशी का व्रत करता है, उसके समस्त पाप नष्ट होते हैं और मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है। यह व्रत केवल उपवास नहीं बल्कि संयम, साधना और भक्ति का प्रतीक है। धार्मिक ग्रंथों में बताया गया है कि एकादशी के दिन किया गया दान, जप और पूजा सामान्य दिनों की अपेक्षा कई गुना फल देती है। इसी कारण एकादशी को कलियुग में सबसे प्रभावशाली व्रत माना गया है।

एकादशी की सरल विधि

  • एकादशी के दिन प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • भगवान विष्णु के सामने व्रत का संकल्प लें।
  • दिन भर अन्न, चावल और दाल का सेवन न करें।
  • पूजा स्थान पर भगवान विष्णु का चित्र या मूर्ति स्थापित करें।
  • दीप प्रज्वलित कर तुलसी पत्र, पुष्प, चंदन और नैवेद्य अर्पित करें।
  • ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें।
  • एकादशी व्रत कथा का पाठ या श्रवण करें।
  • द्वादशी के दिन स्नान कर दान पुण्य के बाद पारण करें।

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