हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है और इस दिन भगवान विष्णु संग मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। साथ ही एकादशी का व्रत रखा जाता है जो साधक की हर मनोकामना पूरी करने और पृथ्वी लोक पर स्वर्ग समान सुखों की प्राप्ति करने में मदद करता है। एकादशी व्रत का महत्व हिंदू धर्म में बहुत अधिक है और यह व्रत हर महीने की शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। ऐसे में आइये जानते हैं फरवरी माह में एकादशी कब-कब है? साथ ही जानेंगे इसका महत्व और पूजा के शुभ मुहूर्त के बारे में।
फरवरी माह में दो महत्वपूर्ण एकादशी व्रत पड़ रहे हैं - जया एकादशी और विजया एकादशी। यहां दोनों एकादशी की तिथियां, पूजा मुहूर्त और व्रत पारण का समय दिया गया है:
हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी को जया एकादशी के रूप में मनाया जाता है। यह एकादशी व्रत न केवल आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है बल्कि यह व्यक्ति को नीच योनि से मुक्ति दिलाने में भी मदद करता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, जया एकादशी का व्रत करने वाले व्यक्ति सहस्र वर्ष तक स्वर्ग में निवास करते हैं। यह व्रत न केवल व्यक्ति को आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है, बल्कि यह उसके जीवन को भी सकारात्मक दिशा में ले जाता है। जया एकादशी का व्रत करने से-
हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को विजया एकादशी के रूप में मनाया जाता है। इस व्रत को रखने से व्यक्ति को सर्वत्र विजय मिलती है और हर शुभ कार्य पूर्ण होता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान राम ने लंका विजय करने की कामना से बक दाल्भ्य मुनि के आज्ञानुसार समुद्र के तट पर विजया एकादशी का व्रत किया था। इस व्रत की शक्ति से भगवान राम को लंका विजय में सफलता मिली थी। विजया एकादशी का व्रत करने से-
देवाधिदेव महादेव के लिए ही प्रदोष व्रत किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि प्रदोष व्रत के दिन महादेव का पूजन किया जाए तो प्रभु प्रसन्न होकर भक्तों पर अपनी कृपा बरसाते हैं। साथ ही उनके सभी कष्टों का भी निवारण कर देते हैं।
हिंदू धर्म में, प्रत्येक महीने के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को प्रदोष व्रत मनाया जाता है। ज्योतिषीय गणना के अनुसार, फरवरी माह का पहला प्रदोष व्रत 9 फरवरी को मनाया जाएगा। सप्ताह के सातों दिनों में से जिस दिन प्रदोष व्रत पड़ता है उसी के नाम पर उस प्रदोष का नाम रखा जाता है।
माघ पूर्णिमा का हिंदू धर्म में खास है। इस दिन भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी और चंद्रदेव की पूजा की जाती हैं। इस दिन लोग व्रत करते हैं और सत्यनारायण व्रत कथा का पाठ करते हैं। इसके साथ ही चंद्रमा को अर्घ्य देते हैं।
हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि का काफी महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी और चंद्र देव की पूजा का विधान है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस तिथि पर लोग व्रत रखते हैं और पूजा-अर्चना करते हैं।