Logo

गणगौर पर कुंवारी कन्याओं के लिए उपाय

गणगौर पर कुंवारी कन्याओं के लिए उपाय

Gangaur Vrat Upay: गणगौर पर कुंवारी कन्याएं करें ये उपाय, मिल सकता है मनचाहा जीवनसाथी


गणगौर व्रत हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है, यह व्रत चैत्र शुक्ल तृतीया को भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के लिए रखा जाता है। विवाहित महिलाएं अपने पति की दीर्घायु और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए इस व्रत का पालन करती हैं, जबकि कुंवारी कन्याएं योग्य और मनचाहे जीवनसाथी की प्राप्ति के लिए इसे रखती हैं। ऐसी मान्यता है कि यदि इस दिन विशेष उपाय किए जाएं, जैसे कि हल्दी, काले तिल, चंदन और सिंदूर का उपयोग, तो इच्छित वर की प्राप्ति की संभावना बढ़ जाती है। इस लेख में हम गणगौर व्रत 2025 के दौरान किए जाने वाले ऐसे ही महत्वपूर्ण उपायों पर चर्चा करेंगे, जो कुंवारी कन्याओं के लिए विशेष रूप से लाभकारी माने जाते हैं।


गणगौर व्रत का महत्व


गणगौर व्रत राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और गुजरात में विशेष रूप से मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करती हैं। विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुख-शांति की कामना से यह व्रत रखती हैं, जबकि कुंवारी कन्याएं अच्छे जीवनसाथी की प्राप्ति के लिए इसे करती हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन यदि विशेष उपाय किए जाएं, तो इच्छित वर की प्राप्ति संभव हो सकती है। हल्दी, काले तिल, चंदन और सिंदूर जैसे उपाय इस दिन बेहद शुभ माने जाते हैं। आइए जानते हैं कुछ महत्वपूर्ण उपायों के बारे में।


मनचाहा जीवनसाथी पाने के लिए उपाय


हल्दी का उपाय

गणगौर व्रत के दिन कुंवारी कन्याएं बेलपत्र के पत्ते पर हल्दी का लेप लगाकर भगवान शिव और माता पार्वती को अर्पित करें। साथ ही, शिव-पार्वती के मंत्रों का जाप करें। यह उपाय योग्य वर प्राप्त करने की संभावना को बढ़ाता है और विवाह में आ रही बाधाओं को दूर करता है।

काले तिल का उपाय

कुंवारी कन्याएं इस दिन काले तिल के तेल से भगवान शिव का अभिषेक करें। इसके अलावा, व्रत कथा सुनते समय काले तिल को हाथ में लेकर कथा सुनें और कथा समाप्त होने के बाद इसे अपने ऊपर से पांच बार घुमाकर शिवलिंग के पास अर्पित करें। यह उपाय विवाह योग्य कन्याओं के लिए शुभ माना जाता है।

चंदन और सिंदूर का उपाय

गणगौर पूजा के दौरान भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्तियों को चंदन का लेप लगाएं। यह उपाय मनचाहे जीवनसाथी की प्राप्ति में सहायक होता है। साथ ही, गणगौर पूजा में माता गौरी को अर्पित किया गया सिंदूर बेहद शुभ माना जाता है। कुंवारी कन्याएं इस सिंदूर का तिलक रोजाना अपने माथे पर लगाएं, जिससे योग्य वर प्राप्त होने की संभावना बढ़ती है।


........................................................................................................
कारोबार मेरो बालाजी चलावे (Karobar Mero Balaji Chalave)

कारोबार मेरो बालाजी चलावे,
मेरी बैलेंस शीट बालाजी बणावे,

करता है तू बेड़ा पार (Karta Hai Tu Beda Paar)

कोई जब राह ना पाए,
शरण तेरी आए,

करूँ वंदन हे शिव नंदन (Karu Vandan Hey Shiv Nandan )

करूँ वंदन हे शिव नंदन,
तेरे चरणों की धूल है चन्दन,

यह भी जाने

संबंधित लेख

HomeAartiAartiTempleTempleKundliKundliPanchangPanchang