काल भैरव जंयती के उपाय

काल भैरव जयंती पर भगवान शिव के रौद्र रूप को प्रसन्न करने के लिए अपनाए ये उपाय  


शास्त्रों में भगवान काल भैरव को भगवान शिव का रौद्र रूप माना गया है। धार्मिक मान्यता है कि भगवान कालभैरव की पूजा-अर्चना करने से बुरी शक्तियों से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा जिन लोगों के जीवन में शनि, राहु जैसे ग्रहों का प्रकोप है, उन्हें भगवान काल भैरव की पूजा करने से विशेष लाभ होता है। इस दिन भगवान काल भैरव की पूजा से सभी दोष दूर हो जाते हैं और व्यक्ति को सुख-समृद्धि और शांति प्राप्त होती है। इसलिए भगवान काल भैरव की पूजा करना और उनके मंत्रों का जाप करना व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने में मदद करता है। ऐसे में इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से भगवान काल भैरव प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति को कष्टों से छुटकारा मिलता है। इस साल यानी 2024 में काल भैरव जयंती 22 नवंबर को मनाई जा रही है। आइये जानते हैं काल भैरव जयंती पर कौन से उपाय किए जा सकते हैं। 


काल भैरव जयंती पर करें ये उपाय 


  1. काल भैरव जयंती के दिन भगवान भैरव की पूजा करना विशेष फलदायक होता है। इस दिन भैरव जी के मंदिर जाकर विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए, जिससे भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और उत्तम फल की प्राप्ति होती है।
  2. भगवान भैरव को काशी के कोतवाल के रूप में पूजा जाता है, और उनका आशीर्वाद पाने के लिए पूजा के वक्त उन्हें पुष्प, फल, नारियल, पान, सिंदूर आदि चढ़ाना चाहिए। दांपत्य जीवन में सुख-समृद्धि के लिए भी काल भैरव की पूजा अवश्य करनी चाहिए।
  3. इसके अलावा, भैरव जी की जन्मतिथि के दिन शाम के समय शमी वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए, जिससे रिश्तों में प्रेम बढ़ता है। भगवान भैरव की कृपा पाने के लिए उनके मंत्रों का जाप करना भी महत्वपूर्ण है।
  4. भगवान भैरव के यंत्र की प्राण प्रतिष्ठा करवाना भी विशेष फलदायक होता है। साथ ही, भगवान शिव के रूप होने के कारण शिवलिंग की पूजा करना भी शुभ माना जाता है। भोलेनाथ की पूजा के वक्त 21 बेल पत्रों पर चंदन से ‘ॐ नमः शिवाय’ लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाना चाहिए।
  5. भगवान भैरव की कृपा पाने के लिए उनके मंत्र ॐ काल भैरवाय नमः और ॐ ह्रीं बं बटुकाय मम आपत्ति उद्धारणाय, कुरु कुरु बटुकाय बं ह्रीं ॐ फट स्वाहा का जाप करें। मान्यता है कि भगवान भैरव की पूजा में उनके यंत्र का भी बहुत महत्व है। ऐसे में विधि-विधान से श्री भैरव यंत्र की प्राण प्रतिष्ठा करवाएं।

........................................................................................................
भगत पुकारे आज मावड़ी(Bhagat Pukare Aaj Mawadi)

भादी मावस है आई,
भक्ता मिल ज्योत जगाई,

श्री रुद्राष्टकम् (Shri Rudrashtakam)

नमामीशमीशान निर्वाणरूपं
विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम् ।

करो कृपा कुछ ऐसी, तेरे दर आता रहूँ (Karo Kripa Kuchh Aisi, Tere Dar Aata Rahun)

करो कृपा कुछ ऐसी,
तेरे दर आता रहूँ,

खेल पंडा खेल पंडा खेल पंडा रे

खेल पंडा खेल पंडा खेल पंडा रे। (खेल पंडा खेल पंडा खेल पंडा रे।)

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने