कार्तिक माह कब से होगा शुरू

जानें कब से शुरू हो रहा है कार्तिक मास, दिवाली से लेकर छठ पूजा तक आएंगे ये प्रमुख त्योहार


'न कार्तिकसमो मासो न कृतेन सामं युगं, न वेदं सदृशं शास्त्रं न तीर्थ गंगाय समं' 

इसका अर्थ है - 'कार्तिक के समान कोई मास नहीं, सतयुग के समान कोई युग नहीं। वेद के समान कोई शास्त्र नहीं और गंगा के समान कोई तीर्थ नहीं।' 


कार्तिक मास का महत्व तो आप इस श्लोक से समझ ही गए होंगे। हिंदू धर्म में कार्तिक मास को सबसे पवित्र महीना माना जाता है। विष्णु पुराण के अनुसार कार्तिक माह में ही भगवान विष्णु अपनी योग निद्रा से जागते हैं। यही कारण है कि इस माह को भगवान विष्णु का सबसे प्रिय माह माना जाता है। इसलिए कार्तिक माह में भगवान विष्णु और धन की देवी माता लक्ष्मी की पूजा करने से साधक को विशेष फल की प्राप्ति होती है।

 

ऐसे में जानते हैं कि इस साल यानी 2024 में कार्तिक मास की शुरुआत कब से हो रही है। साथ ही जानेंगे इस मास का महत्व क्या है। इसके अलावा कार्तिक महीने को बड़ा महीना यानी महत्वपूर्ण व्रत और त्योहारों वाला महीना कहा जाता है उनके बारे में भी जानेंगे…………


कब से शुरू हो रहा कार्तिक मास 2024 


ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार कार्तिक महीना हर साल अक्टूबर और नवंबर के बीच आता है। इस साल कार्तिक महीना 18 अक्टूबर से शुरू हो रहा है जो 15 नवंबर तक रहेगा। इस दौरान करवा चौथ, धनतेरस, कार्तिक अमावस्या, छठ पूजा से लेकर दिवाली जैसै बड़े-बड़े त्योहार मनाए जानेंगे। 


कार्तिक मास का महत्व


कार्तिक मास हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण माह है। इस मास में भगवान विष्णु की आराधना करने के साथ पवित्र नदियों में स्नान करने से आध्यात्मिक और धार्मिक लाभ होता है। कार्तिक माह को देव पक्ष के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा माना जाता है इस महीने में देवी लक्ष्मी स्वयं धरती पर भ्रमण के लिए आती हैं। भगवान ब्रह्मा जी कहते हैं कि कार्तिक मास सबसे सर्वश्रेष्ठ महीना है। इस महीने में व्रत और तप जैसे कार्य करने से मोक्ष की भी प्राप्ति होती है।


कार्तिक मास का धार्मिक महत्व


1. भगवान विष्णु की आराधना: कार्तिक मास में भगवान विष्णु की पूजा और आराधना का विशेष महत्व है। यह महीना भगवान विष्णु का सबसे प्रिय माह है। 


2. पवित्र नदियों में स्नान: कार्तिक मास में पवित्र नदियों में स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है।


3. आत्मशुद्धि: कार्तिक मास में स्नान और पूजा करने से आत्मशुद्धि होती है।


4. तुलसी पूजा:  इस पवित्र माह में श्री विष्णु जी के अलावा तुलसी पूजा का भी खास महत्व है। 


कार्तिक मास का आध्यात्मिक महत्व


  1. आध्यात्मिक विकास: कार्तिक मास में आध्यात्मिक विकास के लिए विशेष अवसर होता है।
  2. मोक्ष प्राप्ति: कार्तिक मास में भगवान विष्णु की आराधना करने से मोक्ष प्राप्ति की संभावना होती है।
  3. पुण्य प्राप्ति: कार्तिक मास में पवित्र नदियों में स्नान करने से पुण्य प्राप्त होता है।


कार्तिक मास का पौराणिक महत्व


  1. भगवान राम की विजय: कार्तिक मास में भगवान राम ने रावण पर विजय प्राप्त की थी।
  2. भगवान कृष्ण की लीलाएं: कार्तिक मास में भगवान कृष्ण ने गोपियों के साथ लीलाएं की थीं।
  3. तुलसी विवाह: कार्तिक मास में ही तुलसी विवाह हुआ था। 


कार्तिक मास के नियम


  1. कार्तिक मास में सूर्योदय से पहले उठकर पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए। इससे साधक के सभी पाप धुल जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। 
  2. कार्तिक मास में तुलसी सेवा का विशेष महत्व है। ऐसे में रोजाना तुलसी के नीचे दीपक जलाएं और उसकी परिक्रमा करें। 
  3. कार्तिक मास में अन्न, ऊनी वस्त्र, तिल, दीपक और आंवला का दान करना बहुत लाभकारी होता है।


कार्तिक मास 2024 व्रत, त्योहार, जयंती और उत्सव


20 अक्टूबर रविवार 2024- करवा चौथ व्रत, वक्रतुण्ड संकष्टी चतुर्थी

24 अक्टूबर गुरुवार 2024- अहोई अष्टमी, राधा कुंड स्नान

28 अक्टूबर सोमवार 2024- रमा एकादशी, गोवत्स एकादशी 

28 अक्टूबर मंगलवार 2024- धनतेरस, प्रदोष व्रत

29 अक्टूबर बुधवार 2024 - काली चौदस

29 अक्टूबर गुरुवार 2024 - नरक चतुर्दशी

30 अक्टूबर शुक्रवार 2024 - कार्तिक अमावस्या, लक्ष्मी पूजा, दिवाली और अन्वाधान, दर्श अमावस्या  

02 नवंबर शनिवार 2024 - गोवर्धन पूजा, इष्टी

03 नवंबर रविवार 2024- भैया दूज, चंद्र दर्शन

06 नवंबर बुधवार 2024 - लाभ पञ्चमी

07 नवंबर गुरुवार 2024 - छठ पूजा

09 नवंबर शनिवार 2024 - गोपाष्टमी

10 नवंबर रविवार 2024 - अक्षय नवमी

11 नवंबर सोमवार 2024 - कंस वध, भीष्म पंचक प्रारंभ

12 नवंबर मंगलवार 2024 - देवउत्थान एकादशी

13 नवंबर बुधवार 2024 - तुलसी विवाह, प्रदोष व्रत 

14 नवंबर गुरुवार 2024 - वैकुंठ चतुर्दशी, विश्वेश्वर व्रत

15 नवंबर - देव दीपावली, कार्तिक पूर्णिमा, अनवधान, मणिकर्णिका स्नान


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