हिंदू धर्म में मार्गशीर्ष माह का विशेष स्थान है। इसे भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं सर्वश्रेष्ठ महीना बताया है। शास्त्रों में कहा गया है कि मार्गशीर्ष के समान शुभ और पुण्यदायी कोई दूसरा मास नहीं है। इस पवित्र अवधि में भगवान श्रीकृष्ण और माता लक्ष्मी की आराधना करने से जीवन में सुख, समृद्धि और सौभाग्य का वास होता है।
मार्गशीर्ष माह में स्नान, जप, तप, पूजा और दान करने का विशेष विधान है। प्रातःकाल सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करने से न केवल दोषों से मुक्ति मिलती है बल्कि मन, शरीर और आत्मा की शुद्धि भी होती है। यह महीना सतयुग के आरंभ का प्रतीक माना गया है, इसलिए इसकी धार्मिक महत्ता और भी बढ़ जाती है। इस दौरान अनेक व्रत और त्योहार मनाए जाते हैं, जो आस्था, भक्ति और पुण्य के प्रतीक हैं। ऐसे में आइये जानते हैं मार्गशीर्ष माह में कौन-कौन से व्रत और त्योहार पड़ेंगे।
पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष मास की शुरुआत 06 नवंबर 2025, गुरूवार से होने जा रही है जो 04 दिसंबर 2025, गुरूवार के दिन समाप्त होगा। बता दें कि इसके ठीक अगले दिन यानि 05 दिसंबर 2025, शुक्रवार को पौष मास की शुरुआत होगी।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, मार्गशीर्ष माह से ही सतयुग का आरंभ हुआ था। यही कारण है कि यह महीना इतना पवित्र और विशेष है। साथ ही भगवान श्री कृष्ण ने भगवद्गीता में कहा है कि "मासानां मार्गशीर्षोऽहम्", अर्थात वे महीनों में मार्गशीर्ष हैं। इस मास में श्री कृष्ण की विशेष साधना और आराधना की जाती है। साथ ही लक्ष्मी माता, तुलसी माता और भगवान विष्णु की पूजा करना भी शुभ और फलदायी माना गया है, जिससे भक्तों को आध्यात्मिक शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है। मान्यता ये भी है कि इस महीने में श्रद्धापूर्वक किए गए शुभ कर्मों से व्यक्ति के लिए स्वर्ग के द्वार खुल जाते हैं।