हिंदू पंचांग के अनुसार, मासिक कार्तिगाई एक विशेष पर्व है जो हर महीने कार्तिगई नक्षत्र के दिन मनाया जाता है। यह पर्व मुख्य रूप से दक्षिण भारत में अत्यधिक श्रद्धा और भक्ति से मनाया जाता है, विशेषकर तमिलनाडु में। इस दिन भगवान शिव और उनके पुत्र भगवान कार्तिकेय की विशेष पूजा की जाती है। भगवान शिव की ऊर्जा और भगवान कार्तिकेय की वीरता का स्मरण करते हुए श्रद्धालु उपवास करते हैं, भजन-कीर्तन करते हैं।
इस साल आषाढ़ महीने में यह पर्व 22 जून, रविवार के दिन मनाया जाएगा। इस दिन कार्तिगई नक्षत्र पूरे दिन रहेगा, इसलिए पूरे दिन को पूजा के लिए शुभ माना गया है। विशेष पूजा सुबह सूर्योदय से लेकर रात्रि दीप प्रज्ज्वलन तक की जाती है।
इस दिन वस्त्र, अन्न, धन अथवा तेल का दान करना अत्यंत शुभ फलदायी माना जाता है। साथ ही, मंदिरों में दीप दान भी किया जा सकता है। इससे आपके परिवार में धन और समृद्धि आती है।
धीरे चलो री, पवन धीरे - धीरे चलो री।
धीरे चलो री पुरवइया।
ममतामयी मां हे जगदम्बे, मेरे घर भी आ जाओ।
(ममतामयी मां हे जगदम्बे, मेरे घर भी आ जाओ।)
दरबार में हर रंग के दीवाने मिलेंगे,
( दरबार में हर रंग के दीवाने मिलेंगे,)
खेल पंडा खेल पंडा खेल पंडा रे। (खेल पंडा खेल पंडा खेल पंडा रे।)