Narsingh Jayanti Stotra: नरसिंह जयंती पर इस स्त्रोत का करें पाठ, डर और भय से मिलेगी मुक्ति
नरसिंह जयंती, जो इस साल रविवार 11 मई 2025 को मनाई जाएगी, भगवान विष्णु के चौथे अवतार नरसिंह के जन्मोत्सव के रूप में प्रसिद्ध है। यह दिन विशेष रूप से भक्त प्रह्लाद की रक्षा और असुर हिरण्यकश्यप के वध की कथा से जुड़ा हुआ है। इस दिन विशेष रूप से ‘नरसिंह स्तोत्र’ का पाठ करने से मानसिक और शारीरिक भय, नकारात्मकता, और विभिन्न संकटों से मुक्ति प्राप्त होती है।
शौर्य और नरसिंह स्तोत्र से जीवन के मुश्किल समय में मिलती है रक्षा
नरसिंह जयंती के अवसर पर भक्त ‘शौर्य पाठ’ के रूप में भगवान नरसिंह के वीरता और पराक्रम से संबंधित स्तोत्रों का पाठ करते हैं। विशेष रूप से ‘ॐ उग्रं वीरं महाविष्णुं ज्वलन्तं सर्वतोमुखम्’ मंत्र भगवान नरसिंह की उग्रता, वीरता और शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है, जिसे शौर्य भाव से पढ़ा जाता है। इसके अलावा ‘श्री नरसिंह प्रपत्ति स्तोत्र’ और ‘श्री लक्ष्मी नरसिंह स्तोत्र’ में भी उनके रौद्र और रक्षक रूप का विस्तार से वर्णन है, जिन्हें साहस और शक्ति की प्राप्ति के लिए नरसिंह जयंती पर पढ़ा जाता है। इन स्तोत्रों के पाठ से न केवल भक्त को शौर्य का अनुभव होता है, बल्कि जीवन के कठिन समय में आत्मबल और रक्षा का भी आश्वासन मिलता है।
नरसिंह स्तोत्र से प्राप्त होती है सुख और समृद्धि
- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नरसिंह स्तोत्र का नियमित पाठ मानसिक भय, संकट और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है। यह व्यक्ति को आंतरिक शांति और संतुलन प्रदान करता है।
- नरसिंह स्तोत्र का जाप करने से भगवान नरसिंह की शक्ति और साहस का आशीर्वाद मिलता है, जो व्यक्ति को जीवन की कठिनाइयों का सामना करने की क्षमता प्रदान करता है।
- नरसिंह स्तोत्र के पाठ से घर में सुख-समृद्धि आती है और ग्रह-दोष से मुक्ति मिलती है। यह व्यक्ति के जीवन में सकारात्मकता और समृद्धि का संचार करता है।
ऐसे करें नरसिंह जयंती के दिन पाठ
- नरसिंह जयंती के दिन, भगवान नरसिंह की विधिवत पूजा करें। यह पूजा विशेष रूप से संध्या के समय की जानी चाहिए, क्योंकि पुराणों के अनुसार इसी समय भगवान नरसिंह प्रकट हुए थे।
- पूजा में चंदन, दूध, पंचामृत और जल से अभिषेक करना चाहिए।
- फिर इन स्तोत्रों का पाठ करें।
- इसके बाद दीप जलाकर आरती करें और दान-पुण्य करें। साथ ही, इस दिन व्रत रखने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।