Logo

अक्टूबर माह का पहला प्रदोष व्रत

अक्टूबर माह का पहला प्रदोष व्रत

Pradosh Vrat 2025अक्टूबर महीने का शनि प्रदोष व्रत कब है? यहां जानें तिथि और मुहूर्त 

प्रत्येक माह की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत मनाया जाता है, जो भगवान शिव और देवी पार्वती को समर्पित है। हिंदू धर्म में इसे बहुत पवित्र माना जाता है यदि यह शनिवार को पड़ता है और इसे शनि प्रदोष व्रत कहा जाता है। धार्मिक मान्यता है कि प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा करने से जीवन की सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं। अक्टूबर 2025 में शनि प्रदोष व्रत का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है क्योंकि यह व्रत अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर पड़ रहा है। 

अक्टूबर में मनाया जाएगा शनि प्रदोष व्रत

पंचांग के अनुसार, अक्टूबर माह का शनि प्रदोष व्रत 4 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इस दिन त्रयोदशी तिथि शाम 05:08 बजे से शुरू होगी और 5 अक्टूबर को दोपहर 03:04 बजे समाप्त होगी। परंपरा के अनुसार, प्रदोष व्रत की पूजा सूर्यास्त के समय प्रदोष काल में की जाती है, क्योंकि यह समय शिव उपासना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।

प्रदोष काल में करें व्रत कथा का पाठ

प्रदोष व्रत में व्रती सुबह जल्दी स्नान कर व्रत का संकल्प लेते हैं और दिनभर उपवास रखते हैं। इसके बाद शाम को प्रदोष काल में भगवान शिव की विधिपूर्वक पूजा की जाती है। 

सबसे पहले शिवलिंग के अभिषेक में दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल का उपयोग किया जाता है। उसके बाद बेलपत्र, भांग और धतूरा चढ़ाया जाता है। फिर ‘ॐ नमः शिवाय’ या अन्य शिव मंत्रों का 108 बार जाप किया जाता है और व्रत कथा भी पढ़ी जाती है। अंत में आरती की जाती है और फिर व्रती क्षमा प्रार्थना करते हैं। 

शनि प्रदोष व्रत से समाप्त होता है शनि दोष 

धर्मशास्त्र के अनुसार, शनि प्रदोष व्रत करने से जीवन से शनि दोष, पितृ दोष और बाधाएं दूर हो जाती हैं। साथ ही, यह भी माना जाता है कि प्रदोष काल में शिव पूजा करने से लंबी आयु, अच्छा स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि भी प्राप्त होती है। 

विशेष रूप से शनि प्रदोष व्रत में भगवान शिव के साथ शनि देव की भी पूजा का महत्व है। ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन में ग्रहदोषों का निवारण होता है और कार्यों में सफलता मिलती है। 

........................................................................................................
HomeBook PoojaBook PoojaChadhavaChadhavaKundliKundliPanchangPanchang