रक्षाबंधन भाई-बहन के रिश्ते की वह डोर है, जो हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा को और मजबूत होती है। इस दिन बहनें भाई की कलाई पर रक्षा-सूत्र बांधकर उसकी लंबी उम्र की कामना करती हैं, वहीं भाई बहनों को उपहार देकर अपने स्नेह और वचन को प्रकट करता है। लेकिन उपहार का चयन करते समय केवल उसकी कीमत नहीं, उससे जुड़ी धार्मिक मान्यताओं का भी ध्यान रखना जरूरी होता है।
ज्योतिष और परंपराओं के अनुसार रक्षाबंधन पर कुछ खास वस्तुएं ऐसी हैं, जिन्हें बहन को उपहार स्वरूप देने से बचना चाहिए। मान्यता है कि इन वस्तुओं से रिश्तों में दूरियां बढ़ सकती हैं या फिर अशुभ फल मिल सकते हैं। आइए जानते हैं ऐसी ही कुछ चीजें जिन्हें रक्षाबंधन पर देने से परहेज करना चाहिए—
रक्षाबंधन का पर्व शुभता और नवीनता का प्रतीक है। ऐसे में पुरानी या पहले से इस्तेमाल की गई वस्तुएं बहन को उपहार में देना वर्जित माना गया है। चाहे वह कपड़े हों, एक्सेसरीज हों या किताबें— ऐसा उपहार बहन को निराश कर सकता है और रिश्ते में ऊर्जाहीनता लाता है। इसलिए भाई को चाहिए कि वह बहन के चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए नया और सोच-समझकर चुना गया तोहफा दे।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार काला रंग अशुभता का प्रतीक माना जाता है। यही कारण है कि रक्षाबंधन जैसे पावन पर्व पर काले रंग के कपड़े, घड़ी या अन्य वस्तुएं उपहार में नहीं दी जानी चाहिएं। यह दिन शुभता, सौभाग्य और सकारात्मक ऊर्जा का दिन होता है, इसलिए रंगों का भी चयन इसी भावना से करना चाहिए।
रक्षाबंधन पर बहनों को कांच, चाकू, कैंची, या अन्य नुकीली वस्तुएं देने से बचना चाहिए। ऐसी वस्तुओं को संबंधों में कटाव या दूरी लाने वाला माना गया है। कांच की वस्तुएं न केवल नाजुक होती हैं बल्कि इनसे जुड़ी मान्यताएं इन्हें रिश्तों के लिए अस्थिरता का प्रतीक बनाती हैं।
भारतीय परंपराओं में मोती को आंसुओं और दुख का प्रतीक माना जाता है। इसलिए रक्षाबंधन जैसे आनंद के दिन बहन को मोती से बनी वस्तुएं देना वर्जित है। चाहे वह ज्वेलरी हो या डेकोरेटिव आइटम— मोती देने से बचना चाहिए क्योंकि यह नकारात्मकता और भावनात्मक पीड़ा का संकेत माना जाता है।
रक्षाबंधन सिर्फ एक रस्म नहीं, बल्कि भावनाओं का उत्सव है। इसलिए उपहार चुनते समय सिर्फ दिखावे या फैशन का नहीं, संवेदनशीलता और परंपरा का भी ख्याल रखें। याद रखिए, बहन को दिया गया एक सोच-समझकर चुना गया उपहार रिश्ते में मिठास और सकारात्मकता भर सकता है, वहीं गलत चयन रिश्तों में दरार की वजह भी बन सकता है।