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सावन माह मंगला गौरी व्रत तिथियां

सावन माह मंगला गौरी व्रत तिथियां

Mangala Gauri Vrat 2025: सावन माह में कब-कब रखा जाएगा मंगला गौरी का व्रत, जानिए सही तिथि और मुहूर्त

 

हिंदू धर्म में मंगला गौरी व्रत का विशेष महत्व होता है। यह व्रत मुख्य रूप से सुहागिन स्त्रियों द्वारा अपने पति की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि और वैवाहिक जीवन की मंगलकामना के लिए रखा जाता है। यह व्रत केवल सावन महीने की मंगलवाऱों को ही किया जाता है, और इसीलिए इसे मंगला गौरी व्रत कहा जाता है। देवी पार्वती के इस स्वरूप की पूजा करने से स्त्रियों को अखंड सौभाग्य और सुखद वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

मंगला गौरी व्रत 2025 की तिथियां 

2025 में सावन का शुभ महीना 11 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त तक रहेगा। इस अवधि में चार मंगलवार आएंगे, जिन पर मंगला गौरी व्रत रखा जाएगा। इन तिथियों पर महिलाएं व्रत रखकर विशेष पूजा करती हैं।

  • पहला मंगला गौरी व्रत: 15 जुलाई
  • दूसरा मंगला गौरी व्रत: 22 जुलाई
  • तीसरा मंगला गौरी व्रत: 29 जुलाई
  • चौथा मंगला गौरी व्रत: 5 अगस्त

देवी मंगला गौरी को अर्पित करें सोलह श्रृंगार की वस्तुएं 

  • पूजा की शुरुआत जल से कलश स्थापन करके की जाती है। 
  • इसके बाद देवी को हल्दी, पान, सुपारी, नारियल आदि अर्पित किए जाते हैं। 
  • इस दिन देवी मंगला गौरी की पूजा में विशेष रूप से सोलह श्रृंगार की वस्तुएं चढ़ाई जाती हैं। जैसे कुमकुम, चूड़ी, सिन्दूर, लिपस्टिक और बाकी श्रृंगार का सामान।
  • साथ ही, सुहागिन स्त्रियाँ मां से सुखी दांपत्य जीवन की प्रार्थना करती हैं।

पूजन के बाद मंगला गौरी व्रत की कथा सुनना आवश्यक होता है। इस कथा में बताया जाता है कि कैसे एक स्त्री ने श्रद्धा से यह व्रत कर अपने पति को अकाल मृत्यु से बचाया। पूजा के अंत में गौरी आरती की जाती है और व्रती स्त्रियां एक-दूसरे को पूजा का प्रसाद देती हैं।

प्रदोष काल में करें मंगला गौरी व्रत 

हर मंगला गौरी व्रत के दिन पूजन के लिए शुभ मुहूर्त प्रदोष काल या सायं काल में होता है। इस समय में देवी पूजन का विशेष फल प्राप्त होता है। पंडितों के अनुसार, पूजा का समय मंगलवार को सायं 6:30 बजे से रात्रि 8:00 बजे तक सबसे उपयुक्त माना गया है, हालांकि पंचांग देखकर सटीक मुहूर्त सुनिश्चित करना चाहिए।

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