सावन माह की एकादशी तिथि को पुत्रदा एकादशी कहा जाता है। यह तिथि हिंदू पंचांग के अनुसार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को आती है।
यह व्रत विशेष रूप से संतान की प्राप्ति, उसकी लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए रखा जाता है। भगवान विष्णु के वरदान से जुड़ी इस एकादशी का धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व अत्यंत उच्च माना गया है।
2025 में सावन पुत्रदा एकादशी व्रत 5 अगस्त, मंगलवार को रखा जाएगा। हालांकि तिथि की शुरुआत एक दिन पहले ही हो जाएगी, लेकिन उदया तिथि के अनुसार एकादशी व्रत 5 अगस्त को मान्य होगा।
इस वर्ष पुत्रदा एकादशी के दिन रवि योग का भी अत्यंत शुभ संयोग बन रहा है।
एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि में किया जाता है। पारण करते समय सात्विक भोजन, फल, जल और दान का महत्व है। ब्राह्मण या गरीबों को भोजन करवाना व विशेष रूप से बच्चों को फल-धन देना अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है।