Varaha Jayanti 2025: कब मनाई जाएगी वराह जयंती, जानें तिथि, मुहूर्त और विशेष उपाय
हिंदू धर्म के अनुसार भगवान विष्णु ने सृष्टि की रक्षा के लिए समय-समय पर विभिन्न अवतार लिए। इन्हीं दस प्रमुख अवतारों में से एक है वराह अवतार। पुराणों के अनुसार भगवान विष्णु ने वराह (जंगली सूअर) का रूप धारण कर हिरण्याक्ष नामक राक्षस के हाथों पाताल लोक में दबाई गई पृथ्वी को अपने दांतों पर उठाकर पुनः जल से बाहर निकाला था। इसी स्मृति में हर वर्ष वराह जयंती मनाई जाती है। यह दिन धर्म, सत्य और न्याय की स्थापना का प्रतीक है।
वराह जयंती 2025 तिथि और शुभ मुहूर्त
- तिथि: भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया
- अंग्रेजी तिथि: 25 अगस्त 2025, सोमवार
- अभिजित मुहूर्त: प्रातः 11:34 से 12:25 बजे तक
- विजय मुहूर्त: दोपहर 02:07 से 02:58 बजे तक
- गोधूलि मुहूर्त: शाम 06:23 से 06:45 बजे तक
- सायंकाल संध्या: शाम 06:23 से 07:30 बजे तक
पूजा के बाद विष्णु सहस्रनाम का करें पाठ
- प्रातः स्नान कर व्रत का संकल्प लें।
- भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र के सामने गंगाजल, अक्षत, पुष्प, तुलसीदल और धूप-दीप अर्पित करें।
- भगवान वराह के नाम का स्मरण करते हुए ‘ॐ वराहाय नमः’ मंत्र का जप करें।
- पूजा के बाद विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
- दिन भर सात्विक व्रत रखें और शाम को भगवान विष्णु को नैवेद्य अर्पित कर आरती करें।
वराह जयंती पर किए जाने वाले विशेष उपाय
- इस दिन जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और दान देने से पितृदोष और ग्रहबाधा का निवारण होता है।
- व्यवसाय में प्रगति और धन की प्राप्ति के लिए पूजा में पीले पुष्प और पीली वस्तुएं अर्पित करें।
- घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर करने के लिए इस दिन विष्णु मंत्र का 108 बार जाप करें।
- विद्यार्थी और प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले इस दिन भगवान विष्णु से विद्या और बुद्धि की प्रार्थना करें।