Logo

वरलक्ष्मी व्रत के उपाय

वरलक्ष्मी व्रत के उपाय

Varalakshmi Vrat Upay: वरलक्ष्मी व्रत के दिन करें ये विशेष उपाय, देवी लक्ष्मी की कृपा होगी प्राप्त 

हिन्दू धर्म में वरलक्ष्मी व्रत का विशेष महत्व है। यह व्रत विशेष रूप से महिलाओं द्वारा परिवार की समृद्धि, सुख-शांति और धन वृद्धि के लिए रखा जाता है। वर्ष 2025 में वरलक्ष्मी व्रत 8 अगस्त, शुक्रवार को मनाया जाएगा। इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा के साथ-साथ कुछ विशेष उपाय करने से पैसों की तंगी दूर हो सकती है और जीवन में स्थायी समृद्धि का आगमन होता है।

श्रीयंत्र की करें स्थापना

वरलक्ष्मी व्रत के दिन श्रीयंत्र की स्थापना को अत्यंत शुभ माना जाता है। श्रीयंत्र को लाल कपड़े पर पूर्व दिशा की ओर स्थापित करें और घी या तिल के तेल का दीपक जलाकर पूजा करें। प्रतिदिन उस स्थान पर दीपक जलाते हुए ‘ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः’ का जप करें। श्रीयंत्र लक्ष्मी जी का प्रतीक होता है और इसे घर में रखने से आर्थिक प्रगति होती है।

कमलगट्टे की माला से करें जप

मां लक्ष्मी को कमल अति प्रिय है और कमलगट्टा उसी का प्रतीक है। वरलक्ष्मी व्रत के दिन कमलगट्टे की माला से ‘ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः’ मंत्र का 108 बार जप करें। इससे लक्ष्मी कृपा शीघ्र प्राप्त होती है।

11 पीली कौड़ियों को करें माता लक्ष्मी के चरणों में अर्पित 

पीली कौड़ियां मां लक्ष्मी को अत्यंत प्रिय मानी जाती हैं। व्रत के दिन 11 पीली कौड़ियों को माता लक्ष्मी के चरणों में अर्पित करें। पूजा के बाद इन्हें लाल कपड़े में बांधकर अपनी तिजोरी, अलमारी या जहां धन रखा जाता है, वहां रखें। ऐसा करने से धन स्थिर रहता है और दरिद्रता दूर होती है।

सात तरह के अनाज का करें दान

वरलक्ष्मी व्रत के दिन सात प्रकार के अनाज (जैसे गेहूं, चना, मूंग, चावल, मसूर, उड़द, तूर) का दान जरूरतमंदों को करें। यह उपाय न केवल पुण्य प्रदान करता है बल्कि जीवन में अन्न और धन की कमी नहीं होने देता।

सात कन्याओं को भोजन कराना

इस दिन सात छोटी कन्याओं को आमंत्रित कर उन्हें चावल से बनी खीर या घर का बना हुआ भोजन कराएं। उन्हें यथासंभव दान-दक्षिणा और उपहार दें। यह परंपरा नारी शक्ति के सम्मान के साथ-साथ मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने का एक सशक्त उपाय मानी जाती है।

........................................................................................................

संबंधित लेख

HomeBook PoojaBook PoojaTempleTempleKundliKundliPanchangPanchang