Logo

28 April 2025 Panchang (28 अप्रैल 2025 का पंचांग)

28 April 2025 Panchang (28 अप्रैल 2025 का पंचांग)

Aaj Ka Panchang: आज 28 अप्रैल 2025 का शुभ मुहूर्त, राहुकाल का समय, आज की तिथि और ग्रह


Aaj Ka Panchang 28 April 2025: आज 28 अप्रैल 2025 वैशाख माह का सोलहवां दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार वैशाख माह के शुक्ल पक्ष तिथि प्रतिपदा है। आज सोमवार का दिन है। इस तिथि पर आयुष्मान् योग रहेगा। वहीं चंद्रमा 29 अप्रैल रात्रि 2 बजकर 53 मिनट पर मेष से वृषभ राशि में गोचर करेंगे। आपको बता दें, आज सोमवार के दिन अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 52 मिनट से दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक रहेगा। इस दिन राहुकाल सुबह 07 बजकर 22 मिनट से सुबह 09 बजकर 01 मिनट तक रहेगा। आज वार के हिसाब से आप सोमवार का व्रत रख सकते हैं, जो भगवान शिव को समर्पित होता है। आज कोई विशेष पर्व या त्योहार नहीं है। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से शुभ परिणाम की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है। 


आज का पंचांग 28 अप्रैल 2025

  • तिथि - वैशाख शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि  
  • नक्षत्र - भरणी
  • दिन/वार - सोमवार
  • योग - आयुष्मान्
  • करण - किंस्तुघ्न और बव

वैशाख शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि प्रारंभ - 28 अप्रैल रात्रि 01 बजे 

वैशाख शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि समाप्त - 28 अप्रैल रात्रि 9:10 बजे 


सूर्य-चंद्र गोचर

  • सूर्य - मेष राशि में रहेंगे। 
  • चंद्र - चंद्रमा 29 अप्रैल रात्रि 2 बजकर 53 मिनट पर मेष से वृषभ राशि में गोचर करेंगे।


सूर्य और चंद्रमा का मुहूर्त

  • सूर्योदय - सुबह 5 बजकर 43 मिनट पर 
  • सूर्यास्त - शाम 6 बजकर 55 मिनट पर 
  • चन्द्रोदय - नहीं है।
  • चन्द्रास्त - शाम 7 बजकर 48 मिनट पर 


आज का शुभ मुहूर्त और योग 28 अप्रैल 2025

  • ब्रह्म मुहूर्त - प्रात:काल 04:16 बजे से सुबह 05:00 बजे तक।
  • अभिजीत मुहूर्त - सुबह 11:52 बजे से दोपहर 12:45 बजे तक। 
  • अमृत काल -  शाम 05:26 बजे से शाम 06:50 बजे तक।  
  • विजय मुहूर्त -  दोपहर 02:31 बजे से दोपहर 03:23 बजे तक।
  • गोधूलि मुहूर्त - शाम 06:53 बजे से शाम 07:15 बजे तक।
  • संध्या मुहूर्त - शाम 06:55 बजे से शाम 07:59 बजे तक।


आज का अशुभ मुहूर्त 28 अप्रैल 2025

  • राहु काल - सुबह 07:22 बजे से सुबह 09:01 बजे तक। 
  • गुलिक काल - दोपहर 01:58 बजे से दोपहर 03:37 बजे तक। 
  • यमगंड -  सुबह 10:40 बजे से दोपहर 12:19 बजे तक। 
  • दिशाशूल -  पूर्व, इस दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए।
  • आडल योग - रात्रि 09:37 बजे से 29 अप्रैल प्रात:काल 05:42 बजे तक। 


28 अप्रैल 2025 पर्व/त्योहार/व्रत

  • सोमवार - आज आप सोमवार का व्रत रख सकते हैं, जो भगवान शिव को समर्पित है। 


आज का उपाय 28 अप्रैल 2025

28 अप्रैल को आयुष्मान् योग बन रहा है। आयुष्मान् को अधिकांश शुभ कार्यों के लिये श्रेष्ठ माना जाता है। इसीलिये यह शुभ मुहूर्त में स्वीकृत है। इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से आपको अपने जीवन में सफलता, समृद्धि, और सुख की प्राप्ति हो सकती है। आज के दिन दान-पुण्य करने से आपको पुण्य मिलेगा और आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आएंगे। 

  • सोमवार के उपाय - सोमवार के दिन भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए कई उपाय किए जा सकते हैं। सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और फिर शिव मंदिर में जाकर भगवान शिव की पूजा करें। उन्हें जल, दूध और फूल चढ़ाएं। इसके अलावा आप शिव चालीसा का पाठ भी कर सकते हैं। सोमवार के दिन व्रत रखना भी बहुत शुभ माना जाता है। इससे भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।


28 अप्रैल 2025 आज के पंचांग का महत्व

आज भरणी नक्षत्र है। भरणी को अधिकांश शुभ कार्यों के लिये बुरा माना जाता है। इसीलिये यह शुभ मुहूर्त में वर्जित है। साथ ही वैशाख माह चल रहा है। वैशाख का महीना भगवान विष्णु को समर्पित होता है, इसलिए इस माह श्री हरि की पूजा विधिवत करे। साथ ही आज वार कि हिसाब से आप भगवान शिव की पूजा कर सकते हैं। आज कोई विशेष पर्व या त्योहार नहीं है।


........................................................................................................
श्री लड्डू गोपाल चालीसा (Shri Laddu Gopal Chalisa)

श्री राधापद कमल रज, सिर धरि यमुना कूल |
वरणो चालीसा सरस, सकल सुमंगल मूल ||

श्री सूर्य देव चालीसा (Shri Surya Dev Chalisa)

कनक बदन कुण्डल मकर, मुक्ता माला अङ्ग।
पद्मासन स्थित ध्याइए, शंख चक्र के सङ्ग॥

श्री ब्रह्मा चालीसा (Shri Brahma Chalisa)

जय ब्रह्मा जय स्वयम्भू, चतुरानन सुखमूल।
करहु कृपा निज दास पै, रहहु सदा अनुकूल।

करवा चौथ व्रत कथा (Karva Chauth Vrat Katha)

एक साहूकार था जिसके सात बेटे और एक बेटी थी। सातों भाई व बहन एक साथ बैठकर भोजन करते थे। एक दिन कार्तिक की चौथ का व्रत आया तो भाई बोला कि बहन आओ भोजन करें।

यह भी जाने

संबंधित लेख

HomeAartiAartiTempleTempleKundliKundliPanchangPanchang