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हरतालिका तीज 2024: माता पार्वती और भगवान शिव की अनोखी प्रेम कहानी, जानें क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त

हरतालिका तीज 2024: माता पार्वती और भगवान शिव की अनोखी प्रेम कहानी, जानें क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त

हरतालिका तीज एक ऐसा त्योहार है जो प्रेम और समर्पण की भावना को बढ़ावा देता है। सनातन धर्म में इस त्योहार का खास महत्व है और हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज का पर्व मनाया जाता है। यह त्योहार देवों के देव महादेव और मां पार्वती को समर्पित है। इससे पहले आने वाली अन्य दो तीज व्रत (हरियाली तीज और कजरी तीज) की तरह ही यह त्योहार भी पूर्वी यूपी, बिहार, झारखंड, राजस्थान और मध्य प्रदेश राज्य में बेहद खास तरह से मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुखी जीवन के लिए प्रार्थना करती हैं और अपने पति के प्रति अपने प्रेम को साबित करने के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। हरतालिका तीज पर कुंवारी कन्याएं भी व्रत रखती हैं और माता से मनचाहे वर की कामना करती हैं। 


भक्तवत्सल के इस आर्टिकल में जानेंगे हरतालिका तीज के महत्व के बारें में, इससे जुड़ी पौराणिक कथा और साथ ही हरतालिका तीज की पूजा के शुभ मुहूर्त को भी विस्तार से…


हरतालिका तीज का महत्व 


सुहागिनों और कुंवारी कन्याओं के लिए तीज बेहद ही खास मानी जाती है। इस दिन सुहागिनें और कुंवारी कन्याएं व्रत रखती हैं। इस व्रत को सुहागिन महिलाएं सौभाग्य की प्राप्ति और अपने पति की लम्बी आयू के लिए करती हैं, जबकि कुंवारी कन्याएं मनचाहे वर की प्राप्ति के लिए इस व्रत को धारण करती हैं। इस दिन महिलाएं सजती संवरती है, हाथों में मेंहदी लगाती हैं और फिर रात भर जागकर भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा- अर्चना करती हैं। इस व्रत में पानी नहीं पिया जाता है। साथ ही इसकी एक खास बात यह है कि इस व्रत के दौरान रात्रि में जागरण किया जाता है और भगवान के भजन गाए जाते हैं। 


2024 में हरतालिका तीज कब है?


साल 2024 में हरतालिका तीज यानी भाद्रपद शुक्ल तृतीया तिथि 5 सितंबर गुरुवार को दोपहर 12 बजकर 21 मिनट से शुरू हो रही है। यह तिथि 6 सितंबर शुक्रवार को दोपहर 3 बजकर 01 मिनट तक मान्य रहेगी। जिसमें उदयातिथि की मान्यता के अनुसार इस बार हरतालिका तीज का व्रत 6 सितंबर शुक्रवार के दिन रखा जाएगा।


हरतालिका तीज 2024 की पूजा का शुभ मुहूर्त


जो महिलाएं 6 सितंबर को हरतालिका तीज का व्रत रखेंगी, उनको सुबह में पूजा के लिए 2 घंटे 31 मिनट का शुभ समय प्राप्त होगा। हरतालिका तीज के दिन सुबह की पूजा का शुभ मुहूर्त 06:02 बजे से लेकर 8:33 बजे तक है। हालांकि अधिकतर जगहों पर हरतालिका तीज की पूजा प्रदोष काल में करते हैं। प्रदोष काल सूर्यास्त के बाद प्रारंभ होता है। हरतालिका तीज के दिन सूर्यास्त शाम को 06:36 बजे होगा। तीज पर ब्रह्म मुहूर्त 04:30 बजे से 05:16 बजे तक है। उस दिन का शुभ मुहूर्त यानि अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:54 बजे से दोपहर 12:44 बजे तक रहेगा। 


हरतालिका तीज पर बन रहा रवि योग


इस बार हरितालिका तीज के दिन रवि योग बन रहा है। रवि योग सुबह 9 बजकर 25 मिनट से शुरु होगा जो अगले दिन 7 सितंबर को सुबह 6 बजकर 02 मिनट तक रहेगा। रवि योग के अलावा उस दिन शुक्ल योग प्रात:काल से लेकर सुबह 10 बजकर 15 मिनट तक है। उसके बाद से ब्रह्म योग शुरु हो जाएगा। हरितालिका तीज पर हस्त नक्षत्र सूर्योदय से सुबह 09:25 बजे तक है जिसके बाद चित्रा नक्षत्र शुरू हो जाएगा।



इस समय न करें हरितालिका तीज की पूजा


हरितालिका तीज के दिन सुबह 10 बजकर 45 मिनट से दोपहर 12 बजकर 19 मिनट तक राहुकाल रहेगा। इस दौरान पूजा करने के लिए शुभ मुहूर्त नहीं होता है और मान्यताओं के अनुसार राहुकाल में इस तरह की पूजा करने से बचना चाहिए।


हरतालिका तीज से जुड़ी पौराणिक कथा


हरतालिका तीज की पौराणिक कथा का जिक्र कई पुराणों में मिलता हैं। एक कथा के अनुसार माता पार्वती के पिता उनका विवाह भगवान विष्णु से कराना चाहते थे लेकिन पार्वती शिव से विवाह करना चाहती थीं। ऐसे में उनकी सखी उनका हरण करके उन्हें एक गुफा में ले गईं, जहां माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या की और अन्न-जल का त्याग कर दिया। भगवान शिव माता पार्वती की तपस्या से प्रसन्न हुए और उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकार किया। इसके बाद से ही हरतालिका तीज का व्रत किया जाता हैं। हरतालिका तीज व्रत कथा भक्तवत्सल की वेबसाइट पर उपलब्ध है। कथा सेक्शन में जाकर आप इस पूरी कथा को विस्तार से पढ़ सकते हैं। 


हरतालिका तीज पूजन विधि:


हरतालिका तीज भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का विधान बताया गया है. उनकी पूजा करने के लिए आपको ये नियम करने चाहिए: 

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और नए या साफ और धुले वस्त्र धारण करें।
  • पूजा स्थान को साफ करें और फिर वहां भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति या चित्र को स्थापित करें।
  • फिर पूजा स्थल पर दीप प्रज्वलित करें और धूपबत्ती-अगरबत्ती जलाएं।
  • भगवान शिव और माता पार्वती को जल, अक्षत, पुष्प और फल चढ़ाएं।
  • इस दौरान "ओम् उमा महेश्वराभ्यां नमः" मंत्र का जाप करते रहें और भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना करें और उनसे आशीर्वाद मांगें।
  • व्रत रखें और रात में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा कर, रात्रि जागरण करें और उनके भजन गाएं।
  • पूजा के बाद अगले दिन सुबह चतुर्थी के दिन प्रसाद वितरित करें और अपने व्रत का पारायण करें।


हरतालिका तीज पूजन सामग्री:


तीज के पूजन में आपको निम्नलिखित सामाग्री की जरूरत पड़ती है:


  • भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति या चित्र
  • जल
  • पुष्प
  • फल
  • दीपक
  • धूपबत्ती
  • पूजा थाली (रोली, अक्षत, आंटी, जनेऊ, कपूर, सिंदूर, भोडर गुलाल, पंचमेवा आदि)
  • प्रसाद


हरतालिका तीज पूजन मंत्र:


हरतालिका तीज पर आप भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करते समय इन मंत्रों का जाप कर सकते हैं। 


  1. "ओम् उमा महेश्वराभ्यां नमः" - ये मंत्र माता पार्वती और भगवान शिव दोनों का मंत्र है और इस मंत्र से पूजा करने पर भगवान शिव और माता पार्वती दोनों प्रसन्न होती हैं
  2. "महामृत्युंजय मंत्र
  3. "शिव पंचाक्षर मंत्र"
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