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ज्ञानगंगा

मरने के बाद क्या होता है
मरने के बाद क्या होता है
मरने के बाद क्या होता है, आत्मा कैसे शरीर छोड़ती है और कैसे दूसरा शरीर धारण करती है। ये कुछ ऐसे सवाल हैं जिनका जवाब हर कोई जानना चाहता है।
घर के मंदिर में कितनी मूर्तियां रखें
घर के मंदिर में कितनी मूर्तियां रखें
धर्म का पालन करने वाले सनातनियों के घर में पूजा घर अवश्य होता है। पूजा घर में हमारे सभी देवी-देवताओं की तस्वीरें और मूर्तियां होती हैं, जिनकी हम पूजा-अर्चना करते हैं।
माथे पर तिलक क्यों लगाया जाता है
माथे पर तिलक क्यों लगाया जाता है
सनातन धर्म को मानने वाले यह जानते हैं कि हमारे धर्म में सम्मान स्वरूप, आदर स्वरूप, शुभ कार्य की शुरुआत और ऐसे कई मौकों पर माथे पर तिलक लगाने की परंपरा है।
भगवान के सामने क्यों जलाते हैं दीया
भगवान के सामने क्यों जलाते हैं दीया
सनातन धर्म और उसकी परंपराएं जितनी पवित्र हैं, उतनी ही सामाजिक और वैज्ञानिक दृष्टि से तार्किक भी। ऐसे कई रीति-रिवाज, मान्यताएं और नियम हैं जो सनातन परंपरा का हिस्सा हैं।
देवउठनी एकादशी पर इन देवताओं की होती है पूजा
देवउठनी एकादशी पर इन देवताओं की होती है पूजा
एकादशी व्रत आध्यात्मिक शुद्धि से संबंधित एक पवित्र त्योहार के रूप में मनाई जाती है। यह भगवान विष्णु को समर्पित है जो जगत के रक्षक माने जाते हैं।
देव उठनी एकादशी पर क्या खाना चाहिए?
देव उठनी एकादशी पर क्या खाना चाहिए?
सनातन धर्म में एकादशी का बहुत महत्व है। साल में दो एकादशी बड़ी एकादशी मानी जाती है, जिसका महत्व साल भर में पड़ने वाली सभी एकादशी के बराबर होता है।
चतुर्मास में क्यों नहीं होते मांगलिक कार्य
चतुर्मास में क्यों नहीं होते मांगलिक कार्य
चातुर्मास यानी चौमासा में सारे मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं। वहीं, आषाढ़ माह की आखिरी एकादशी को देवशयनी एकादशी कहा जाता है।
भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के उपाय
भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के उपाय
“बोर भाजी आंवला, उठो देव सांवला।” ये कहावत तो हर किसी ने अपने घर में सुनी होगी। दरअसल, ये वही कहावत है जिसके द्वारा हर किसी के घर में देव उठनी ग्यारस के दिन भगवान का आह्वान होता है।
देवउठनी एकादशी पर जरूर करें ये उपाय
देवउठनी एकादशी पर जरूर करें ये उपाय
सनातन धर्म में सभी तिथि किसी ना किसी देवी-देवता को ही समर्पित है। इसी प्रकार से हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित होती है।
एकादशी में देवों को जगाने के मंत्र
एकादशी में देवों को जगाने के मंत्र
पौराणिक मान्यता है कि देव उठनी एकादशी पर भगवान विष्णु अपनी योग निद्रा से जाग कर एक बार पुनः संसार के संचालन की कमान अपने हाथों में ले लेते हैं।
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