साल 2025 आ चुका है और इंतजार की घड़ियां अब खत्म होने वाली हैं, क्योंकि महाकुंभ मेला 2025 का आयोजन कुछ ही दिनों में शुरू होने वाला है। यह धार्मिक उत्सव 12 साल बाद एक बार फिर प्रयागराज में होगा, जहां देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु पहुंचने की उम्मीद है। महाकुंभ मेला 13 जनवरी से 26 फरवरी तक चलेगा, और यदि आप इस ऐतिहासिक अवसर का हिस्सा बनने जा रहे हैं, तो आपको कुछ तैयारी पहले से करनी होगी। बड़े मेलों में अक्सर रुकने के लिए जगह मिलना एक चुनौती बन जाता है, और जैसे-जैसे भीड़ बढ़ती है, होटल्स की कीमतें भी आसमान छूने लगती हैं। ऐसे में बजट में रहने के लिए आश्रम और धर्मशालाएं एक बेहतरीन विकल्प साबित हो सकती हैं।
क्या आप जानते हैं कि संगम स्थल पर खास तौर पर रैन बसेरे भी बनाए गए हैं? यदि आप लंबे रास्ते से आ रहे हैं और बजट में रहना चाहते हैं, तो संगम के पास स्थित रैन बसेरा आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प है। यह पूरी तरह से फ्री है! यहां रुकने के लिए आपको बस अपना मोबाइल नंबर दर्ज करना होगा और आपको मिल जाएगा एक आरामदायक और सुरक्षित ठिकाना। तो, इस महाकुंभ में आराम से रहिए, बिना ज्यादा खर्च किए!
महाकुंभ मेले के दौरान संगम क्षेत्र में तीर्थ पुरोहित के लिए विशेष पंडाल बनाए जाते हैं, जहां वे अपने ठहरने की व्यवस्था करते हैं। अगर आप भी संगम के नजदीक रहकर महाकुंभ का अनुभव करना चाहते हैं, तो इन पंडालों में ठहरने का मौका पा सकते हैं। आपको बस तीर्थ पुरोहित को अपनी जानकारी देनी होगी और बताना होगा कि आप कितने दिनों के लिए रुकना चाहते हैं। इसके बाद वे आपको पंडाल में रुकने की अनुमति प्रदान करेंगे, ताकि आप सीधे संगम के पास रहकर इस धार्मिक यात्रा का पूरा आनंद ले सकें।
अगर आप महाकुंभ में स्नान करने और दर्शन करने के लिए दूर से आ रहे हैं, तो दरागंज का पश्चिमी तट आपके लिए एक बेहतर विकल्प हो सकता है। यहां मौजूद आश्रम और धर्मशालाओं में ठहरने की सुविधा आपको अपने बजट के हिसाब से मिल जाएगी। तो, अगर आप कम खर्च में आरामदायक ठहराव चाहते हैं, तो दरागंज एक आदर्श जगह है!
अगर महाकुंभ के प्रमुख स्थानों पर रुकने का इंतजाम नहीं मिल रहा है, तो चिंता न करें। गंगा के शांतिपूर्ण पूर्वी तट स्थित झूंसी में बने आश्रमों में आपको ठहरने की सुविधा मिल सकती है। यहां रुकने के लिए कुछ शुल्क लिया जाता है, लेकिन साथ ही आपको नहाने की पूरी व्यवस्था भी मिलेगी। कितने दिन रुकना है, यह पहले से बताना होगा, ताकि आपको पूरी सुविधा मिल सके।
आज 27 मई 2025 को ज्येष्ठ माह का 14वां दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष तिथि अमावस्या है। आज मंगलवार का दिन है। इस तिथि पर द्विपुष्कर योग रहेगा।
आज 28 मई 2025 को ज्येष्ठ माह का 15वां दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष तिथि द्वितीया है। आज बुधवार का दिन है। सूर्य देव वृषभ राशि में रहेंगे। वहीं चंद्रमा वृषभ से मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे। आपको बता दें, आज बुधवार के दिन कोई अभिजीत मुहूर्त नहीं है।
आज 29 मई 2025 को ज्येष्ठ माह का अठारहवां दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष तिथि तृतीया है। आज गुरूवार का दिन है। इस तिथि पर रवि योग रहेगा। सूर्य देव वृषभ राशि में रहेंगे।
आज 30 मई 2025 को ज्येष्ठ माह का चौथा दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष तिथि चतुर्थी है। आज शुक्रवार का दिन है। इस तिथि पर सर्वार्थसिद्धि योग के साथ रवि योग भी रहेगा।