रविवार पूजा विधि

Ravivar Vrat Puja: रविवार व्रत के दिन भगवान सूर्यदेव का इस विधि से करें पूजन,  जानिए नियम और धार्मिक महत्व


Ravivar Puja Vidhi: हिंदू धर्म में सप्ताह का सातों दिन किसी न किसी देवी-देवता की पूजा के लिए समर्पित होता है। ऐसे में सप्ताह का आखिरी दिन यानी रविवार भगवान सूर्य देव का दिन माना जाता है। कहते हैं कि अगर रविवार के दिन ग्रहों के राजा सूर्य देव की पूरे श्रद्धाभाव से पूजन किया जाए तो जीवन में खुशहाली आती है, कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होती और कष्टों का निवारण होता है। ऐसे में भक्त रविवार के दिन व्रत रखकर अपने सूर्य देवता की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करते हैं। तो आइए जानते हैं कि रविवार का व्रत रखने पर किस तरह पूजा की जाती है और क्या है नियम। 

रविवार व्रत की पूजा विधि

मान्यतानुसार रविवार के दिन सुबह उठकर स्नान आदि कर सूर्यदेव का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें। इसके बाद सबसे पहले साफ लोटे में जल लेकर सूर्य देव को अर्घ्य दें। फिर घर के मंदिर की साफ सफाई करें और गंगाजल का छिड़काव करें। उसके बाद पूजा स्थल पर लाल आसन बिछाकर बैठें और सूर्यदेव की पूजा शुरू करें। पूजा में सूर्य देवता को धूप, अक्षत, दूध, लाल चंदन, लाल फूल और जल अर्पित करें। 
आप जहां खड़े हैं उस स्थान पर ही खड़े होकर सूर्य देव की परिक्रमा करें। उसके बाद सूर्य देव के बीज मंत्र की पांच माला का जाप करें। इसके बाद रविवार व्रत की कथा पढ़ें और आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें। 

रविवार व्रत में क्या खाएं और क्या न खाएं?

आप रविवार व्रत में गुड़ के साथ गेहूं की रोटी अथवा दलिया खा सकते हैं। इस व्रत में नमक का सेवन नहीं किया जाता है। इसलिए इस बात का ध्यान रखें कि इस दिन खाने-पीने की चीजों में नमक गलती से भी न डालें और ही इसका सेवन करें। रविवार व्रत का उद्यापन करते समय कम से कम चार ब्राह्मणों को भोजन कराएं। उन्हें लाल वस्त्र, फल, मिठाई, फूल, नारियल, दक्षिणा आदि दें। 

रविवार व्रत का धार्मिक महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, रविवार के दिन सूर्यदेव की पूजा करने और व्रत रखने से जीवन में यश, वैभव और सुख-समृद्धि मिलता है। ज्योतिष की मानें तो रविवार का दिन भगवान सूर्यदेव की आराधना के लिए बेहद शुभ माना जाता है। इसके अलावा इस दिन पूजा-अर्चना करने से कुंडली दोष दूर होता है और नकारात्मक ऊर्जाएं दूर रहती हैं। 

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