छठी देवी स्तोत्र (Chhathi Devi Stotram)

नमो देव्यै महादेव्यै सिद्ध्यै शान्त्यै नमो नम:।

शुभायै देवसेनायै षष्ठी देव्यै नमो नम: ।।

वरदायै पुत्रदायै धनदायै नमो नम:।

सुखदायै मोक्षदायै षष्ठी देव्यै नमो नम:।।

शक्ते: षष्ठांशरुपायै सिद्धायै च नमो नम:।

मायायै सिद्धयोगिन्यै षष्ठी देव्यै नमो नम:।।

पारायै पारदायै च षष्ठी देव्यै नमो नम:।


सारायै सारदायै च पारायै सर्व कर्मणाम।।

बालाधिष्ठात्री देव्यै च षष्ठी देव्यै नमो नम:।

कल्याणदायै कल्याण्यै फलदायै च कर्मणाम।

प्रत्यक्षायै च भक्तानां षष्ठी देव्यै नमो नम:।।

पूज्यायै स्कन्दकांतायै सर्वेषां सर्वकर्मसु।

देवरक्षणकारिण्यै षष्ठी देव्यै नमो नम:।।


शुद्ध सत्त्व स्वरुपायै वन्दितायै नृणां सदा।

हिंसा क्रोध वर्जितायै षष्ठी देव्यै नमो नम:।।

धनं देहि प्रियां देहि पुत्रं देहि सुरेश्वरि।

धर्मं देहि यशो देहि षष्ठी देव्यै नमो नम:।।

भूमिं देहि प्रजां देहि देहि विद्यां सुपूजिते।

कल्याणं च जयं देहि षष्ठी देव्यै नमो नम:।।


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राम सिया राम, कौशल्या, दशरथ के नंदन - भजन (Ram Siya Ram, Kaushalya Dashrath Ke Nandan)

कौशल्या, दशरथ के नंदन
राम ललाट पे शोभित चन्दन

वार्षिक श्राद्ध पूजा विधि

हिंदू धर्म में श्राद्ध पूजा का विशेष महत्व है। यह पितरों यानी पूर्वजों के प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करने का एक प्रमुख अनुष्ठान है। जो सदियों से हिंदू संस्कृति में करा जाता है। श्राद्ध संस्कार में पिंडदान, और ब्राह्मण भोजन कराया जाता है।

साँवरियो है सेठ, म्हारी राधा जी सेठाणी है(Sanwariyo Hai Seth Mhari Radha Ji Sethani Hai)

साँवरियो है सेठ,
म्हारी राधा जी सेठाणी है,

दुनियाँ रचने वाले को भगवान कहते हैं(Duniya Rachne Wale Ko Bhagwan Kehte Hain)

दुनियाँ रचने वाले को भगवान कहते हैं,<,br> और संकट हरने वाले को हनुमान कहते हैं।